आपने देवी मां के कई प्रसिद्ध मंदिरों और उनकी गाथा के बारे में तो सुना होगा, लेकिन क्या कभी आपने किसी चुडैल माता के मंदिर की कोई गाथा सुनी है?
शायद नहीं ! लेकिन यह सच है !
गुजरात में खेड़ा ज़िले के मेहमदाबाद तहसील में मौजूद है चुड़ैल माता का मंदिर, जो अनोखा है.
2010 में बना चुड़ैल माता का मंदिर
दरअसल इस तहसील में नेनपुर चौकड़ी रोड़ से नेनपुर गांव की ओर जानेवाले रास्ते में अनेकों साड़ियां पेड़ों पर लटकती हुई नज़र आती हैं.
कहा जाता है कि पहले इस रास्ते पर आए दिन सड़क हादसे होते रहते थे, लगातार हो रहे इन हादसों को भूत-प्रेत से जोड़कर देखा जाने लगा. जिसके बाद गांववालों ने चुड़ैल माता का मंदिर बनवाने का फैसला किया.
साल 2010 में यहां चुड़ैल माता के मंदिर की स्थापना की गई. जिसमें पांच ईंट और श्रृंगार का सामान रखकर एक छोटी सी देरी बनाई गई. मंदिर बनने के बाद से इस सड़क पर होनेवाले हादसों का सिलसिला बिल्कुल थम सा गया है.
साड़ियां और श्रृंगार का चढ़ावा
जब इस मंदिर को बनवाया गया था, तब से लेकर ज्यादातर लोग हादसों से बचने के लिए चुड़ैल माता को साड़ियां और श्रृंगार अर्पित करते हैं. मान्यता है लोगों के इस चढ़ावे से चुड़ैल माता खुश होती हैं और गांव के लोगों की हादसों से रक्षा करती हैं.
इतना ही नहीं अब तो लोग अपनी किसी भी तरह की समस्या का निवारण करने के लिए माता को साड़ी और श्रृंगार चढ़ाते हैं. इसके लिए दूर-दराज़ से लोग चुड़ैल माता के दरबार में अपनी फरियाद लेकर आने लगे हैं.
मंदिर में लगती है भक्तों की भीड़
मंदिर बनने के बाद जब से हादसों का सिलसिला थमा है, चुड़ैल माता की महिमा की गाथा हर तरफ फैलने लगी है.
यही वजह है कि रविवार के दिन माता के इस मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है. जिससे मंदिर के बाहर ठेले पर पूजा का सामान बेचनेवालों की चांदी हो गई है.
माता पर भक्तों की अपार श्रद्धा
गांव के लोगों ने हादसों को रोकने के लिए चुड़ैल माता का मंदिर बनवाया था, लेकिन माता गांव के लोगों पर इतनी मेहरबान हैं कि वो न सिर्फ हादसों से रक्षा करती हैं बल्कि उनकी अन्य समस्याओं को भी दूर कर देती है.
माता पर लोगों की आस्था उन्हें माता के दरबार तक ले आती है. अपनी समस्याओं के निवारण के लिए लोग यहां साड़ियां लेकर आते हैं और उन्हें पेड़ों पर लटका कर चले जाते हैं.
बढ़ रही है चढ़ावे में साड़ियों की संख्या
लोगों का कहना है कि चुड़ैल माता का मंदिर भूत योनि में से बनाया गया है. इसलिए माता को अर्पित की गई साड़ियां या फिर किसी और चीज़ का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. इसलिए साड़ियों को लोग पेड़ पर लटका कर चले जाते हैं.
यहां फिलहाल पैंतीस हज़ार से भी ज्यादा साड़ियां पेड़ पर लटक रही है और इसकी संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा रही है.
बहरहाल अब आप इसे यहां के लोगों का अंधविश्वास कहें या फिर माता का चमत्कार, लेकिन हकीकत तो यह है कि चुड़ैल माता का मंदिर बनने के बाद इस रास्ते से गुज़रनेवाला हर शख्स खुद को सुरक्षित महसूस करता है.
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