इतिहास

यहां बनाई गई थी सबसे पहली चॉकलेट, स्वाद में थी तीखी

चॉकलेट का इतिहास – शायद ही कोई ऐसा इंसान होगा जिसे चॉकलेट खाना पसंद ना हो। चॉकलेट का नाम सुनते ही हर किसी के मुंह में पानी आ जाता है और लगभग सभी लोग चॉकलेट पसंद करते हैं। मनपसंद डेजर्ट में सबसे ऊपर चॉकलेट का नाम आता है।

क्‍या आपने कभी सोचा है कि सबसे पहले चॉकलेट कहां बनी थी और इसका इतिहास क्‍या है ?

चॉकलेट का इतिहास

चॉकलेट का इतिहास लगभग 4000 साल पुराना है। कुछ लोगों का तो यहां तक कहना है कि चॉकलेट बनाने वाला कोको पेड़ अमेरिका के जंगलों में पाया सबसे पहले पाया गया था। हालांकि, अब अफ्रीका में दुनिया के 70 प्रतिशत कोको की पूर्ति अकेले की जाती है।

कहा जाता है कि चॉकलेट की शुरुआत मैक्‍सिको और मध्‍य अमेरिका के लोगों ने की थी। 1528 में स्‍पेन ने मैक्‍सिको को अपने कब्‍जे में लिया पर जब राजा वापिस स्‍पेन गया तो वो अपने साथ कोको के बीज और सामग्री ले गया। वहां के लोगों को ये चीज़ बहुत पसंद आई और बस तभी से ये अमीर लोगों का पसंदीदा पेय बन गया।

तीखा था स्‍वाद

आपको बता दें कि चॉकलेट हमेशा से मीठी नहीं थी बल्कि इसका स्‍वाद तीखा हुआ करता था और लोगों को पसंद भी था। इसके तीखे होने की एक खास वजह से थी कि अमेरिकन लोग इसे बनाने के लिए कोको के बीजो को पीसकर उसमें कुछ मसाले और मिर्च मिलाते थे। इसी वजह से इसका स्‍वाद तीखा हुआ करता था। कई सालों तक लोग इसका प्रयोग एक पेय की तरह किया करते थे। इसके बाद डॉक्‍टर सर हैस स्‍लोने ने इस पेय की नई रेसिपी तैयार कर उसे खाने लायक बनाया और इसका नाम रखा कैडबरी मिल्‍क चॉकलेट। कुछ इस तरह हुआ था आपकी पसंदीदा चॉकलेट का आविष्‍कार। चॉकेट का तीखे से मीठे बनने का सफर वाकई काफी दिलचस्‍प था।

यूरोप में मिली चॉकलेट को मिठास

जैसा कि हमने पहले भी बताया कि अपने शुरुआती दौर में चॉकलेट का टेस्‍ट तीखा हुआ करता था। ककाउ के बीजों को फर्मेंट करके रोस्‍ट किया जाता था और इसके बाद इसे पीसा जाता था। इसके बाद इसमें पानी, वनीला, शहद, मिर्च और दूसरे मसाले डालकर इसे झागयुक्‍त पेय बनाया जाता था। उस समय ये शाही पेय हुआ करता था।

लेकिन चॉकलेट को मिठास यूरोप पहुंचकर मिली। यूरोप में सबसे पहले स्‍पेन में चॉकलेट पहुंची थी। स्‍पेन का खोजी हर्नेन्‍डो कोर्टेस एज्‍टेक के राजा मान्‍तेजुमा के दरबार में पहुंचा था जहां उसने पहली बार चॉकलेट को पेश किया। इसके कड़वे स्‍वाद की वजह से सभी ने इसे सूअरों के पीने वाला पेय बताया था।

सन् 1828 में डच केमिस्‍ट कॉनराड जोहान्‍स वान हॉटन ने कोको प्रेस का आविष्‍कार किया। यहीं से चॉकलेट का इतिहास बदल गया। इस मशीन की मदद से कोको बींस से कोको बटर को अलग करना मुमकिन हो पाया। इससे बनने वाले पाउडर से चॉकलेट बनी। कॉनराड ने अपनी इस मशीन के ज़रिए चॉकलेट एल्‍केलाइन सॉल्‍ट मिलाकर कड़वे स्‍वाद कम करने की कोशिश की। 1848 में ब्रिटिश चॉकलेट कंपनी जे.एस फ्राई एंड संस ने पहली बार कोको लिकर में कोको बटर और चीनी मिलाकर पहली बार खाने वाला चॉकलेट बनाया।

Parul Rohtagi

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