भारत में कब क्या हो रहा है इसके लिए अब पड़ोसी दुश्मन को अपने जासूस भारत में भेजने की जरूरत नहीं है.
क्योंकि दुश्मन अब घर बैठकर ही भारत में होने वाली हर गतिविधि पर नजर रख रहा है.
हाल मे इस बात का खुलासा होने के बाद कि भारत में सीसीटीवी कैमरे बेचने वाली दर्जन भर चीनी कंपनियों के मदर व बेस सर्वर देश के बाहर चीन में लगे हैं, इस आशंका को बड़ा दिया है कि कहीं इसके जरिए देश के भीतर चीन द्वारा निगरानी तो नहीं की जा रही है.
गौरतलब हो कि इसके पूर्व दूरसचांर के क्षेत्र में काम आने वाले मोबाइल टावरों को लेकर भी इसी प्रकार की आंशका जताई गई कि उनमें जो चीनी उपकरण लगे हैं वे देश की सुरक्षा के लिए चुनौती बन सकते हैं.
बहराल, भारत में अधिकतर महत्वपूर्ण स्थानों पर चाहे वह प्राइवेट हो सरकारी कार्यालय, सभी में आजकल सीसीटीवी कैमरे लगे होते हैं. यही नहीं भारत के कुछ अति महत्वपूर्ण स्थानों जहां पर किसी बाहरी व्यक्ति को जाने की अनुमति नहीं होती वहां भी कैमरे लगे होते हैं. लेकिन ये कैमरे कहां बने है और इनके आनलाइन सर्वर कहां है इसकी जानकारी लोगों को नहीं होती है.
यही नहीं, सीसीटीवी कैमरे बेचने वाली इन चीनी कंपनियों के तार पाकिस्तान से जुड़े हैं.
आपको बता दे कि इसमें भारत में सीसीटीवी कैमरे बेचने वाली चीन की कंपनी हिकविजन का संबंध पाकिस्तानी सेना व सुरक्षा एजेंसियों के साथ है इसका खुलासा कंपनी की वेबसाइट हिकविजन.कॉम से भी होता है. जिसमें एक स्थान पर बताया गया है कि यह कंपनी चीनी सीसीटीवी कैमरों की मदद से लाइव फीड भारत से चीन को भेजती है और इसी प्रकार पाक से भी लाइव फीड लेती है.
इस खबर के बाद यह मामला और गंभीर हो गया है.
कहीं चीन हिकविजन कंपनी कैमरों के जरिए भारत की निगरानी कर महत्वपूर्ण जानकारी पाकिस्तान से तो साझा नहीं कर रही है.
बता दें कि चीन की सरकार के पास हिकविजन की 40 फीसद हिस्सेदारी है. यानी यह कंपनी पूर्ण रूप से प्राइवेट कंपनी नहीं है जैसा कि बताया जाता है. चीन की सरकारी कंपनी सेटिहक ग्रुप का इस कंपनी में काफी प्रभाव है. ऐसे में भारत में चीन के रास्ते ट्रांसमिट होने वाले लाइव फीड को हासिल करना चीन के लिए कोई मुश्किल काम नहीं है.
भारत में सीसीटीवी कैमरे बेचने वाली हिकविजन अकेली चीनी कंपनी नही हैं. बल्कि भारत में सीसीटीवी कैमरे बेचने वाली दर्जनों चीनी कंपनियां हैं जिनके मदर व बेस सर्वर भारत के बाहर चीन की राजधानी बीजिंग और शंघाई आदि शहरों में लगे हैं.
गौरतलब है कि ये चीनी कंपनियां अपने चीनी सर्वरों के जरिए ही भारत में ऑनलाइन सीसीटीवी फीड सेवा उपलब्ध कराने की आड़ में भारत में निगरानी भी कर रही हो. इस संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है. इनके जरिए पल पल की जानकारी देश के बाहर जा रही है. कौन वीआईपी कब और किस रास्ते से गुजर रहा है इस तक की जानकारी देश के बाहर बैठे लोगों को पहुंच रही है.
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