बड़ा शेयर बाज़ार – विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले चीन की बादशाहत धीरे-धीरे खत्म होती दिख रही है.
उसके अड़ियल रवैये और अमेरिका से बढ़ती तनातनी का असर कहें या फिर अर्थव्यवस्था का ठीक से विकास न होना, चीन अपना रूतबा खोते जा रहा है और अब तो वो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा शेयर बाज़ार का तमगा भी खो चुका है.
जी हां, चीन के लिए ये किसी बड़े झटके से कम नहीं है. चीन अब दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा शेयर बाज़ार नहीं रहा. ब्लूमबर्ग न्यूज के आंकड़ों के मुताबिक, ये झटका उसे जापान ने दिया है यानी जापान ने चीन को पछाड़ते हुए दूसरा स्थान हथिया लिया है.
आपको बता दें कि 2014 में चीन का शेयर बाज़ार दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा शेयर बाज़ार बना और उसके बाद से चीन के ही पा ये तमगा था, पहली बार जापान ने उसे पछाड़ दिया है. आकड़ों के मुताबिक, जापान का शेयर बज़ार 6170 अरब डॉलर का है, जबकि चीन का शेयर बाज़ार 6090 अरब डॉलर का.
दिलचस्प बात ये है कि 2014 में चीन ने जापान को पीछे करके ही दूसरा स्थान हासिल किया था और अब वो जापान से ही पिछड़ गया. जानकारों का मानना है कि अमेरिका से बढ़ते टैरिफ वॉर की वजह से भी चीन के शेयर बाजार को भारी नुकसान पहुंचा और उसमें लगातार गिरावट आती रही. इसे चीन को एक बड़े झटके के रूप में भी देखा जा रहा है.
माना जा रहा है कि इसका असर चीनी करेंसी पर भी हो सकता है, ऐसा हुआ तो अर्थव्यवस्था को इससे भारी नुकसान होगा.
आपको बता दें कि विश्व का सबसे बड़ा शेयर बाजार अमेरिका का है, जिसका मूल्य करीब 31 ट्रिलियन डॉलर है. यह चीन और जापान के शेयरों के के कुल मूल्य से दोगुना.
अमरिका से जारी ट्रेड वॉर यानी व्यापार युद्ध का नकारात्मक असर चीन पर दिखने लगा है, मगर अब भी वो झकुता हुआ नज़र नहीं आ रहा.
दरअसल, ट्रेड वॉर के तहत दोनों देश एक-दूसरे के उत्पादों पर टैक्स लगा रह हैं और इस मामले में कोई झुकने को तैयार नहीं है. अब देखना ये है कि दो महाशक्तियों की इस आपसी भिड़ंत में चीन को और कितना नुकसान उठाना होगा?