जैश ए मोहम्मद के सरगना आतंकी मसूद अजहर को बचाने के लिए चीन द्वारा किए गए वीटो पावर के इस्तेमाल को लेकर सवाल उठ रहा है कि आखिर एक आतंकवादी को बचाने के लिए चीन क्यों बार बार आगे आ रहा है.
आपको बता दें कि संयुक्त राष्ट्र के 15 में से 14 सदस्य देश मसूद अजहर के मामले में भारत के समर्थन में हैं लेकिन अकेला चीन मसूद अजहर को बचाने के लिए लगा हुआ है. इसको लेकर दुनिया भर के देश सकते में हैं कि आखिर चीन एक आतंकवादी के लिए भारत से अपने संबधों को दांव पर क्यों लगा रहा है.
जब पूरी दुनिया आतंकवाद के खिलाफ एक जुट नजर आ रही है उस समय चीन दुनिया में अपनी छवि को दांव पर लगा कर एक आतंकी में इतनी दिचस्पी ले रहा है.
दरअसल, मसूद अजहर को बचाने के लिए चीन जो चाल चल रहा है उसके पीछे पाकिस्तान और चीन दोनों की एक सोची समझी रणनीति है. चीन पाकिस्तान में ग्वादर पोर्ट से लेकर चीन तक एक हाइवे का निर्माण कर रहा है. इसको लेकर भारत को आपत्ति है.
भारत का कहना है कि यह हाइवे पाक अधिकृत कश्मीर से होकर गुजरेगा जो भारत का पाकिस्तान द्वारा जबरन कब्जाया हुआ भाग है और दोनों के बीच विवादास्पद है.
वहीं चीन ने पाकिस्तान के झांसे में आकर इसमें काफी निवेश किया हुआ है. लेकिन बलूचिस्तान और पाक अधिकृत में इसको लेकर स्थानीय लोगों द्वारा काफी विरोध किया जा रहा है. यहां काम कर रहे चीनी लोगों पर हमले भी हो रहे हैं.
पाकिस्तान में तहरीक ए तालिबान सहित कुछ आतंकी संगठन इस प्रोजेक्ट में बाधा डालकर इसको पूरा होने से रोक रहे हैं.
चीन और पाकिस्तान को शक है कि भारत की खुफिया एजेंसी राॅ के इशारे पर बलूच लिबरेशन फ्रंट और तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान में चीन के ग्वादर पोर्ट और हाइवे को राकने का प्रयास कर रहे हैं. पाकिस्तान को लगता है कि आतंकवाद से आतंकवाद का जवाब देने की उसकी जो थ्योरी है भारत उसका इस्तेमाल पाकिस्तान और चीन के प्रोजेक्ट को रोकने के लिए कर रहा है.
इसलिए पाकिस्तानी सेना और सरकार मसूद अजहर के आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद का उपयोग सेकंड लाइन आॅफ डिफेंस के रूप में करना चाहती है. इसके लिए अंतरराष्ट्रीय मंच पर अलग थलग पडे़ पाकिस्तान चीन की मदद से मसूद को बचाने में लगा है, क्योंकि पाक और चीन को डर है कि यदि मसूद को नही बचाया गया तो बाकी आतंकी सरगना जो चीन के प्रोजक्ट में मदद कर रहे हैं इससे पीछे हट सकते हैं.
गौरतलब है कि जब पाकिस्तान के पेशावर शहर में तहरीके तालिबान ने हमला किया था तो उसके बाद सेना ने जो उनके खिलाफ अभियान चलाया था तो उसमें पाक सेना का साथ जैश ए मोहम्मद और लश्करे ए तैयबा के लड़ाकोें ने भी दिया था.
वहीं चीन में उइगर मुस्लिमों को लेकर भी समस्या है.
कुछ माह पहले भारत ने चीन द्वारा मसूद को बचाने के विरोध में चीन के उइगर नेता डाॅल्कन ईसा को भारत आने की हरी झंडी दिखा दी थी. लेकिन बाद में किन्ही तकनीकि कारण के चलते उन्हें वीजा नहीं मिल पाया था. भारत के इस कदम से भी चीन नाराज है.
यही कारण है कि पठानकोट सहित तमाम आतंकी घटनाओं का मास्टरमाइंड मसूद अजहर जिसे भारत अतंर्राष्ट्रीय स्तर पर आतंकी घोषित करने की मांग कर रहा है, उस पर चीन ने एक बार फिर अड़ंगा लगा दिया है.
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