नकली चांद – विज्ञान कितनी भी तरक्की क्यों न कर लें, लेकिन कुदरत की बनाई कुछ चीज़ों से मुकाबला नहीं कर सकता.
यदि आप भी ऐसा ही सोचते हैं तो अब आपकी ये सोच गलत साबित होने जा रही हैं, क्योंकि चीन जो सस्ते खिलौने और इलेक्ट्रॉनिक सामान बनाने के लिए जाना जाता है, अब नकली चांद बनाने जा रहा है.
एक रिपोर्ट के अनुसार 2022 तक चीन अंतरिक्ष में एक नहीं, बल्कि तीन कृत्रिम चांद लॉन्च करेगा. चीन का टारगेट 2020 तक इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का है. आर्टिफिशियल चांद शीशे से बने उपग्रह होंगे, जिनसे टकराकर सूर्य की किरणें पृथ्वी पर पहुंचेंगी. दरअसल, चीन का मकदस ऐसा करके स्ट्रीट लाइट्स का विकल्प ढूंढ़ना है. प्रोजेक्ट से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक, कृत्रिम चांद की रोशनी स्ट्रीट लाइट्स को बदलने के लिए पर्याप्त होगी. कृत्रिम उपग्रहों को 2022 में लॉन्च किया जाएगा. इसके बाद तीनों उपग्रहों कों 360 डिग्री की कक्षा में इस तरह बांटा जाएगा कि हर इलाके में 24 घण्टे रोशनी रहे.
इतना ही नहीं अनुमान है कि नकली चांद की रोशनी असली चांद से 8 गुणा ज़्यादा होगी.
जब नकली चांद के समय आदि को कंट्रोल किया जाएगा और अधिकारी का कहना है कि जब ये चांद चक्कर लगा रहा होगा तो लोगों को केवल एक चमकदार तारे जैसा दिखाई देगा.
आपको बता दें कि यूएस और रूस ने मानव निर्मित चांद की खोज की थी ताकि रात के समय को सुविधाजनक बना सके. 1990 में रूस ने इसके लिए एक उपग्रह भी छोड़ा था लेकिन यह प्रयोग सफल नहीं हुआ.
अब चीन का तीन नकली चांद बनाने वाला प्रोजक्ट सफल होता है या नहीं ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन उसके इस प्रयास से साफ है कि विज्ञान और तकनीक के इस जमाने में कोई काम असंभव नहीं है.
आज चीन नकली चांद बना रहा है, क्या पता भविष्य में कोई देश आर्टिफिशियल सूरज और सितारे भी बना ले.