आतंकी सरगना और जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर के बाद अब चीन का दिल डी कंपनी यानी दाउद इब्राहिम के खास शूटर मुन्ना झिंगाडा पर आ गया है.
यही वजह है कि अब चीन ने डी कंपनी के शूटर के भारत प्रत्यर्पण पर रोड़ा अटका दिया है. चीन बैंकाक पर दवाब बना रहा है कि वह डी कंपनी के इस शूटर को भारत को न सौंपे.
आपको बता दे कि डी कंपनी के शूटर मुन्ना झिंगाडा ने 17 साल पहले बैंकॉक में छोटा राजन पर गोलियां चलाई थीं. अंडरवल्र्ड डान छोटा राजन को भारत की खुफियां एजेंसी आईबी का आदमी माना जाता है. छोटा राजन इन दिनों भारत की जेल में हैं. एसे हाल ही में प्रत्यारपित करके भारत लाया गया है.
बहराल, जिस प्रकार चीन आतंकियों और हत्यारों पर नकेल कसने के भारत सरकार के प्रयासों में रोड़ा अटका रहा है वह उससे उसकी मंशा का पता चलता है कि वह किस हद तक जा चुका है.
बता दें कि जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर को यूएन की आतंकियों की लिस्ट में शामिल कराने की भारत की कोशिशों को भी भी चीन पहले ही रोक चुका है.
दरअसल, पाकिस्तान ने चीन के जरिए थाईलैंड सरकार पर दबाव बनाया है कि मुन्ना झिंगाडा को भारत को न सौंपा जाए. सूत्रों के मुताबिक, थाईलैंड सरकार चीन के दबाव में उसे मुंबई पुलिस को देने के मूड में नहीं है. हालांकि, मुंबई पुलिस और केंद्र सरकार उसको भारत लाने की कोशिश कर रहे हैं.
बताते चलें कि मुन्ना को कस्टडी में लेने के लिए पिछले कई वर्षों से मुंबई पुलिस की टीमें बैंकॉक जा चुकी हैं. साथ ही मुन्ना के प्रत्यार्पण का केस बैंकॉक की अदालत में भी चल रहा है.
मुन्ना झिंगाडा 2000 में छोटा राजन को मारने बैंकॉक गया था.
उस वक्त दाऊद व छोटा शकील ने उसका पाकिस्तानी पासपोर्ट बनवाया था. तभी से पाकिस्तान उसे अपना नागरिक बता रहा है. जबकि मुन्ना झिंगाडा मुंबई के जोगेश्वरी का रहनेवाला है. मुंबई पुलिस उसके भारतीय होने के कई सबूत बैंकॉक पुलिस को दे चुकी है.