आए दिन चीन भारत को आंखे दिखा रहा है.
कभी भारत को एनएसजी का हिस्सा न बनाकर, कभी उत्तराखंड के चमोली में घुसपैठ करके तो कभी चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी ‘शिनह्वा’ के तीन पत्रकारों की वीजा अवधि नहीं बढ़ाने पर भारत को इसके परिणाम भुगतने की धमकी देकर.
तो आइए आपको कुछ ऐसे सबूत दिखाते हैं जिन्हें देखने के बाद आपको भी यकीन हो जाएगा कि चीन भारत से युद्ध करने पर अमादा हो गया है.
1. चमोली जिले के बाराहोटी इलाके में हुई ताजा घटना से इसका अनुमान लगाया गया. चीनी सेना और भारतीय सैनिक सीमा पर करीब 15 से 20 मिनट तक रहे. चार पांच चीनी सैनिक आए थे और फिर वापस चले गए. यह घटना चमोली जिले के बाराहोटी इलाके में हुई है. यहां पर करीब 80 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र पर चीन अपना दावा करता रहा है. यहां पर चीन भारत के लोग मवेशी चराने आते हैं. यहां पर सेना या आईटीबीपी की हर वक्त तैनाती नहीं रहती है, बल्कि यहां जवान पेट्रोलिंग करते आते हैं और फिर चले जाते हैं.
2. दो साल पहले इसी इलाके में चीनी सेना का हेलीकॉप्टर भी अतिक्रमण कर चुका है. चमोली जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में इससे पहले भी 2013-14 में कई बार चीनी सैनिक आ चुके हैं और पत्थरों पर चीन लिखकर जा चुके हैं. उत्तराखंड राज्य की करीब 350 किलोमीटर की सीमा चीन से मिलती है. उत्तर पूर्व में भारत से लगी सीमा पर भी चीन की ओर से घुसपैठ की खबरें आती रही हैं. इसके अलावा लेह पर भारत से लगी सीमा पर चीन की सेना कई बार घुसपैठ को अंजाम दे चुकी है.
3. सेना के मुताबित चीन से लगी सरहद पर सीमांकन अब तक नहीं हो पाया है, जिस वजह से सरहद को लेकर दोनों देशों का अपना अपना नजरिया है. इसी वजह से ऐसी घटनायें चीन से लगी सरहद पर होती रहती हैं.
4. चीन ने हमेशा से भारत से कूटनीतिक रवैया अपनाया है. इस बार भी 48 देशों में से 38 देशों ने भारत को एनएसजी का सदस्य बनने पर सहमति जताई थी, लेकिन चीन के अडंगा डालने की वजह से भारत एनएसजी की सदस्यता में शामिल न हो सका.
5. नेपाल जो कि भारत को कभी बड़े भाई का दर्जा देता था, वह भी आज भारत को आंखे दिखाने लगा है. चीन ने अपने कई रास्ते नेपाल के लिए व्यापार और निर्यात के लिए खोल दिए जिससे वह भारत से दूर होता चला गया. चालाक चीन जो अपने हित के लिए किसी भी हद तक जा सकता है उसने नेपाल में अपने चीनी सैनिकों को भारत के खिलाफ साजिश रचने के लिए तैनात कर दिया.
6. अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान के आंतकवादियों का समर्थन करना और भारत के खिलाफ वोट करना भी इसकी कूटनीति चालों का ही हिस्सा है. इसने पठानकोट हमले के साजिशकर्ता मसूद का अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर बचाव किया और उसे आतंकवादी करार देने से भी इंकार किया.
7. भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा चीन के तीन पत्रकारों की वीजा अवधि बढ़ाने इंकार करने पर चीन ने अपने दैनिक ‘ग्लोबल टाइम्स’ के संपादकीय में लिखा कि एनएसजी की सदस्यता में भारत सरकार ने चीनी अवरोध का बदला लिया है. अगर यह बात है, तो इसके गंभीर नतीजे भुगतने होंगे. यह ‘भारत की ओछी हरकत है!’
8. चीन भारत को चारों तरफ से घेर रहा है. नेपाल हो या पाकिस्तान या फिर श्रीलंका हर जगह चीनी प्रभाव बढ़ रहा है. भारत के वे प्रांत जो पाकिस्तान के पास हैं वो लगभग अब चीन के कब्जे में है, जहां पर चीन ने युद्ध स्तर पर निर्माण कार्य चला रखा है. गिलगिट बाल्टिस्तान हो या बलूचिस्तान हर जगह आज चीन का प्रत्यक्ष दखल है.
9. पाकिस्तान को चीन ने लाख बुरे होने पर भी उसके सर पर अपना हाथ मात्र इसलिए रखा हुआ है कि वो भी भारत विरोधी है. लेकिन फिर भी भारतीय सत्ता द्वारा चीन को लेकर इतनी उदासीनता एक दिन निकट भविष्य के लिए दिन प्रतिदिन खतरनाक होती जा रही है.
10. चीन जिस तरह से अपनी सेना और सेना तकनीक को अब खुलेआम दिखा रहा है तो इस तरह से वह भारत को डरा रहा है. भारत की सेना तकनीक में अभी काफी पीछे है. चीन भारत की सेना में काफी अंतर है.
चीन के सीना तानकर भारत विरोध के बावजूद भी अगर भारत ने उसे सबक नहीं सिखाया तो इससे दुनिया में यही संदेश जाएगा कि भारत में अब वो शक्ति नहीं रही जो कड़े निर्णय ले सके और अपने विरोधियों को बिना भेदभाव उनकी औकात दिखा सके.
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