अमेरिका अलर्ट पर है.
क्योंकि चीन के केंद्रीय सैन्य आयोग के राष्ट्रीय रक्षा संचालन विभाग के एक अधिकारी की ओर से लिखे आलेख के मुताबिक चीन ने अमेरिका के साथ संभावित सैन्य टकराव के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं.
होंगकोंग स्थित साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने इसी आलेख के हवाले से लिखा, आज रात युद्ध शुरू होने वाला है और ये सिर्फ नारे नहीं हैं, बल्कि यह व्यावहारिक वास्तविकता है.
चीन ने धमकी दी है कि उसकी सेना खुले सागर में अभ्यास करेगी, चाहे विदेशी उकसावे हों या न हों.
गौरतलब है कि चीन का एकमात्र विमानवाहक पोत ‘ल्याओनिंग’ पिछले महीने ताइवान जलसंधि से होकर गुजरा था.
चीन की इस हरकत के जवाब में अमेरिका पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में तीन विमानवाहक पोत भेजने की योजना बना रहा है. अमेरिका के इस निर्णय के बाद चीन के भी होश उड़े हुए हैं. इस पर चीन का कहना है कि यदि उन्होंने दक्षिण चीन सागर पर आक्रमण किया तो तीन की तो बात ही छोड़ दें, हम उनकी ओर से 10 पोत भेजने पर भी उन्हें तबाह करने की क्षमता रखते हैं.
दरअसल, जब से अमेरिका के नए राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने यह संकेत दिए हैं कि दक्षिण चीन सागर विवाद और अन्य मुद्दों पर पेइचिंग यानी चीन के दावों के मुकाबले वह पहले से सख्त नीति अपनाएंगे, उसके बाद से चीन बौखला गया है.
चीन की सेना पीपल्स लिबरेशन आर्मी की वेबसाइट पर 20 जनवरी के एक लेख में कहा गया कि एशिया में जटिल सुरक्षा स्थिति के बीच युद्ध की आशंका ज्यादा प्रबल हो गई है.
चीन के केंद्रीय सैन्य आयोग के राष्ट्रीय रक्षा संचालन विभाग के एक अधिकारी की ओर से कहा गया कि अमेरिका एशिया में अपनी रणनीति को फिर से संतुलित करने, पूर्वी एवं दक्षिण चीन सागरों में सैन्य तैनाती और दक्षिण कोरिया में एक मिसाइल रक्षा प्रणाली स्थापित करने की बातें कर रहा है, जिससे माहौल बिगड़ने की आशंका है .
सरकारी अखबार पीपल्स डेली में लिखे आलेख में अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन के इस बयान का भी हवाला दिया गया कि अमेरिका को दक्षिण चीन सागर के विवादित क्षेत्रों में बनाए गए कृत्रिम द्वीपों तक चीन की पहुंच रोकनी चाहिए.
गौरतलब है कि चीन को जो भी बात कहनी होती है उसे वह अपने सरकारी अखबार के जरिए लेख लिखकर दुनिया को बता देता हैं.
वहीं वाइट हाउस के नए प्रवक्ता सीन स्पाइसर ने कहा कि अमेरिका दक्षिण चीन सागर में अंतरराष्ट्रीय जलसीमा क्षेत्रों पर नियंत्रण करने से चीन को रोकेगा.
चीन और अमेरिका के बीच साउथ चाइना सी को लेकर बड़ी तनातनी से चीन भी परेशान है. चीन की रेनमिन यूनिवर्सिटी के अंतरराष्ट्रीय अध्ययन विभाग के असोसिएट डीन जिन कैनरोंग का कहना है कि अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन का बयान काफी अहंकारपूर्ण था.
यदि नए अमेरिकी प्रशासन ने यही राह अपनाई और यही रवैया दिखाया तो चीन और अमेरिका के बीच युद्ध होगा और इस चीन और अमेरिका के बीच के युद्ध का मतलब अमेरिकी इतिहास का अंत या पूरी मानवता का अंत होगा.