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इस वजह से एडल्ट चीज़ें देखने पर मजबूर हो रहे हैं बच्चे

पोर्न वीडियोज़

पोर्न वीडियोज़ – आजकल पोर्न इंडस्‍ट्री खूब फल-फूल रही है और इसमें सबसे ज्‍यादा दिलचस्‍पी रखते हैं भारतीय लोग।

जी हां, पिछले कुछ समय में हुए सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है कि पोर्न इंडस्‍ट्री में सबसे ज्‍यादा रुचि भारतीय रखते हैं। यहां पर लोग सेक्‍स को लेकर तो खुलकर बात करते नहीं हैं लेकिन चोरी-छिपे अपने इंटरनेट पर पोर्न वीडियोज़ जरूर देखते हैं।

आपको लगता होगा कि सिर्फ पुरुष ही चोरी-छिपे पोर्न मूवीज़ देखते होंगें लेकिन ऐसा नहीं है। अब भारतीय महिलाएं भी पोर्न वीडियोज़ में अपनी रुचि दिखा रही हैं। पिछले कुछ सालों में महिलाओं का इंट्रेस्‍ट इस तरह की वीडियोज़ के प्रति ज्‍यादा बढ़ा है।

आजकल पुरुषों और महिलाओं में कोई फर्क नहीं रह गया है और इसी वजह से महिलाएं भी अब खुलकर पोर्न वीडियोज़ को इंजॉय करने लगी हैं लेकिन इस सबमें बच्‍चों का क्‍या।

आपको लगता होगा कि आपका बच्‍चा नादान है और वो इस तरह की चीज़ों से दूर रहता लेकिन ऐसा नहीं है। जी हां, अब बच्‍चे भी मां-बाप से छिपकर पोर्न वीडियोज़ और क्‍लिप्‍स के प्रति आकर्षित हो रहे हैं। माता-पिता को पता भी नहीं चलता कि उनका बच्‍चा उनकी पीठ पीछे ऐसा कुछ कर रहा है।

जी हां,  हाल ही में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से नाराज़गी जताते हुए एक्‍टर मुकेश खन्‍ना ने भारतीय बाल फिल्‍म सोसायटी के चेरयमेन के पद से इस्‍तीफा दे दिया है। उनका कहना है कि सरकार उन्‍हें फिल्‍में बनाने के लिए पर्याप्‍त फंड नहीं दे पा रही है और इसी वजह से वो नाराज़ हैं।

बच्‍चों में पोर्न के क्रेज़ को लेकर मुकेश कहते हैं कि आज के समय में इससे ज्‍यादा खतरनाक बात और कुछ नहीं है कि चौथी क्‍लास में पढ़ने वाले बच्‍चे को भी अपनी से दोगुनी उम्र के किशोर की वो बातें पता होती हैं जो उसे उस वक्‍त नहीं पता होनी चाहिए। इन सब चीज़ों से बच्‍चे में कहीं ना कहीं आपराधिक प्रवृत्ति को बढ़ावा मिलता है।

अगर इस बात पर ध्‍यान दिया जाए तो पता चलता है कि देश में बच्‍चों के लायक फिल्‍में और एंटरटेनमेंट के नाम पर कुछ भी नहीं है और ऐसे में वो अपने मनोरंजन के लिए गलत चीज़ों में उलझ जाते हैं।

अब तो लगभग सभी बच्‍चे इंटरनेट यूज़ करते हैं और इंटरनेट पर अभद्र चीज़ों की भरमार में है, ऐसे में अपने बच्‍चे को किसी भी तरह की गलत चीज़ से बचा पाना मुश्किल होता है। अगर देश में बच्‍चों के एंटरटेनमेंट को ध्‍यान में रखकर कुछ अच्‍छा काम किया जाए तो उन्‍हें गलत चीज़ों से दूर रखा जा सकता है।

अब तो माहौल कुछ ऐसा हो गया है कि बच्‍चे कम उम्र में ही बड़ों से संबंधित सेक्‍शुअल और रिलेशनशिप से जुड़ी बातें जानने लगे हैं। हमारे समय पर तो ये गर्लफ्रेंड-ब्‍वॉयफ्रेंड का नाम तक नहीं आता था और अब तो सातवीं-आठवीं क्‍लास में पढ़ने वाले बच्‍चे तक गर्लफ्रेंड या ब्‍वॉयफ्रेंड लिए घूमते हैं। इस सबका दोष आप गलत फिल्‍मों और इंटरनेट को दे सकते हैं जहां से बच्‍चे इन सब चीज़ों को सीखना और जानना शुरु करते हैं।

अगर देश में बच्‍चों के लिए सिनेमा में कुछ सुधार हो जाए तो इस तरह की मुश्किलों से बचा जा सकता है। आखिर बच्‍चे ही हमारे देश का भविष्‍य हैं।