पेट में मौजूद कृमि – हम जितनी तरक्की कर रहे हैं उतनी ही समस्याएँ हमारे जीवन में प्रवेश कर रही हैं.
आज एक ही दिन में सबकुछ पाने की चाहत ने इंसान को लालची बना दिया है. लोग इतने जल्दी सबकुछ पाना चाहते हैं कि उस चक्कर में अपनी सेहत का ख्याल नहीं रख पाते. अपने परिवार को खुश करने के चक्कर में तनाव में पड़ते जा रहे हैं और तनाव के कारण कई तरह की बीमारियों की चपेट में पड़ रहे हैं.
वैसे ये तनाव सिर्फ बड़ी उम्र के लोगों को नहीं बल्कि बच्चों को भी अपनी चपेट में ले रहा है. ये खबर ऐसी है जिसे सुनकर आपकी आँखों में आंसू आ जाएगें. 14 साल के लड़के के पेट में मौजूद कृमि बीते दो सालों में 22 लीटर (50 यूनिट) खून पी गए.
सुनकर भी हैरानी हो रही है कि भला ऐसे कैसे हो सकता है. ऐसा नहीं है कि इस लड़के को डॉक्टर को नहीं दिखाया गया, लेकिन पता ही देर से चला.
हमेशा इस लड़को को खून चढ़ाया जाता था. घर वाले इससे बहुत परेशान थे.
डॉक्टरों ने उस बच्चे का बहुत बार चिकित्सा परीक्षण किया, लेकिन उनकी पकड़ में बीमारी नहीं आ रही थी. लड़के के शरीर में खून की कमी होने पर उसे बार-बार खून चढ़ाया जाता, पर पेट में मौजूद कृमि उसे हर बार पी लेते.
अंतत: गंगाराम अस्पताल के डॉक्टरों ने कैप्सूल एंडोस्कोपी से इस घातक बीमारी की पहचान की, तब कहीं जा कर उसका इलाज हो सका.
डॉक्टरों का कहना था कि ऐसा पहले कभी देखने को नहीं मिला. इसका पता चलने के बाद बहुत हैरानी हो रही थी. खबर के मुताबिक़ वह बच्चा दो साल से बीमारी से पीड़ित था और उसके शौच में खून आता था. शुरुआत में लड़के ने डर के मारे किसी को नहीं बताया. हमेशा खून के बहाव से उसमें आयरन की कमी हो गई थी और वह एनीमिया से पीड़ित हो गया था. छह महीने पहले उसे इलाज के लिए दिल्ली लाया गया था. उसके शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्र 5.86 ग्राम प्रति डेसीलीटर रह गई थी. घर वालों के साथ ही डॉक्टरों को भी हैरानी हो रही थी. आखिर ऐसा क्या था कि लड़के की बॉडी में खून बच ही नहीं रहा.
इस १४ साल के लड़के के परिवार वालों ने बताया कि अबतक उसके शरीर में २२ लीटर खून चढ़ाया जा चुका है. आमतौर पर जब शरीर में खून की कमी होती है तो बहुत सी बीमारियाँ घर बना लेती हैं, लेकिन इस लड़के के साथ ऐसा कुछ नहीं था. न तो उसे पेट की कोई बीमारी थी और न ही कोई और. परिवार वालों ने जब जांच कराई तो एंडोस्कोपी व क्लोनोस्कोपी जांच रिपोर्ट भी सामान्य आई.
अंत में जब कैप्सूल एंडोस्कोपी की गई, तो जांच के दौरान कृमि नजर आए, जिनके अंदर बच्चे के शरीर से खींचा गया रक्त साफ नजर आ रहा था. डॉक्टरों ने दवाई ज़रिए लड़के की इस समस्या पर विजय पा ली है. अब लड़का धीरे धीरे स्वस्थ हो रहा है.
हम आपको बता दें कि पेट में मौजूद कृमि बड़ी आसानी से हमारे शरीर में जन्म लेने लगते हैं. जब भी हम नंगे पैर गंदी जगह चलते हैं, बिना हाथ धोए खाना खाते हैं तब ये उसी से हमारे शरीर में पैदा होते हैं. इससे बचिए और स्वस्थ रहिये.
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