भारत देश में भाजपा पार्टी की सरकार है.
भाजपा पार्टी के नेता व देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी लगातार बाल विवाह की खिलाफत भी करते देखे जाते है.
प्रधानमंत्री जी ने देश भर में बाल विवाह के विरुद्ध आंदोलन छेड़ रखा है. कई सरकारी संस्थाएं बाल विवाह रोके जाने के लिए काम भी कर रही है.
लेकीन आपको ये जानकार बेहद दुःख होगा कि कई राज्यों में आज भी बाल विवाह को अंजाम दिया जा रहा है.
आप का खून तब खौल उठेगा जब आप जानेंगे कि भाजपा सरकार के ही एक ज़िम्मेदार नेता ने अपने ही सगे बेटे की शादी मात्र 10 साल की बच्ची के साथ करवा दी.
जी हां, जो सरकार बाल विवाह को जड़ से खत्म करने के दावे ठोकती फिर रही है, उसी सरकार के माननीय उच्च पदाधिकारी ने सरकार के दावे की धज्जिया उड़ा दी है.
झारखंड राज्य के भाजपा अध्यक्ष ताला मरांडी ने अपने बेटे मुन्ना मरांडी के लिए बालिका वधू घर ले आए है. जांच में पता चला है कि अध्यक्ष महोदय ताला मरांडी की बालिका बहु रीतू बास्की की उम्र मात्र 10 साल और कुछ महीने ही है.
भाजपा नेता ताला मरांडी के बेटे मुन्ना मरांडी और रीतू बास्की की शादी बीते 27 जून को ही हुई है.
तब से राजनितिक गलियारों में हडकंप मचा हुआ है. हालाकि दुल्हे बने मुन्ना मरांडी भी नाबालिक है और बालिका वधु रीतू से सिर्फ 2 साल ही बड़े है.
दरअसल एसडीएन एकेडमी, महागामा की नामांकन पंजी में रीतू बास्की की जन्मतिथि 25 जुलाई 2005 दर्ज है, यानी वर्तमान में ताला मरांडी की पुत्रवधू की उम्र 10 वर्ष 11 माह है.
इस मसले पर जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी रितेश कुमार ने कहा कि सभी पहलुओं की जांच के बाद ही किसी प्रकार का आधिकारिक बयान दिया जाएगा. जानकारी के मुताबिक़ ताला मरांडी के पुत्र मुन्ना मरांडी की शादी महागामा के ईश्वर मरांडी नगर निवासी भगन बास्की की चौथी पुत्री रीतू बास्की से हुई है और ये दोनों परीवार बाल विवाह में विश्वाश रखता है.
प्रीतिभोज में पहुंचे थे मुख्यमंत्री, मंत्री व विधायक
मज़े की बात ये है कि ताला मरांडी के पुत्र मुन्ना मरांडी के प्रीतिभोज में कई विधायक, मंत्री व दिग्गज हस्तियों ने शिरकत की.
इनमे समाज कल्याण मंत्री डॉ. लुइस मरांडी, राजमहल के विधायक अनंत ओझा, देवघर के विधायक नारायण दास, बोकारो के विधायक विरंची नारायण और गोड्डा के विधायक अमित मंडल आदि मौजूद थे. यहाँ तक कि झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास भी शादी में शामिल हुए.
इनमे से किसी नेता ने प्रधानमंत्री जी के इच्छाओ का समर्थन नहीं किया. मतलब बाल विवाह का विरोध नहीं किया, जबकि ये सभी नेतागण भाजपाई है.
रोजाना ही झारखंड राज्य में विरोधी पार्टियों के नेता ताला मरांडी के इस्तीफा की मांग करते है लेकिन बीजेपी को शायद झारखंड के अध्यक्ष के रूप में मरांडी ही पसंद है. इसीलिए अब तक उनका पद बरकरार है.
बाल विवाह के इस मामले ने इतना तूल पकड़ लिया है कि अब जांच राज्य पुलिस के स्पेशल ब्रांच को सौप दी गई है. अब देखते है रिपोर्ट सही आती है या मामले को गायब कर दिया जाता है.
वैसे नेता जी के सुपुत्र के बालविवाह पर आप की राय क्या है? जवाब का इंतज़ार होगा…