बहुत पहले टीवी पर एक विज्ञापन बहुत आया करता था. जिसमें छोटे छोटे बच्चे अपने दादी दादा को स्लेट या काफी किताब लेकर पढ़ा रहे होते थे.
भारत सरकार के पौढ़ शिक्षा कार्यक्रम के इस विज्ञापन में एक बात कही जाती थी कि पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती. इस बात को सच साबित कर दिखाया है हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने.
टीचरों की भर्ती में घोटाला करने की सजा काट रहे में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने तिहाड़ जेल से 82 साल की उम्र में 12वीं की परीक्षा प्रथम श्रेणी में पास की है. और उनके इस काम में उनकी मदद की है उनके पोते दिग्विजय सिंह ने.
पोते दिग्विजय सिंह ने बताया है कि उनके दादा 12वीं पास करने के बाद अब वो बीए की तैयारी कर रहे हैं. आपकों बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग से 12वीं की पढ़ाई की.
अपनी तरह का शायद ये पहला और अनूठा मामला है जब किसी पूर्व मुख्यमंत्री ने जेल में रहते हुए अपनी छूटी पढ़ाई पूरी करने की शुरूआत की हो. पूर्व मुख्यमंत्री के पोते दिग्विजय सिंह ने बताया कि उनके दादा ने स्नातक की किताबें भी मंगवा ली हैं और जल्द ही वो इनका अध्ययन भी शुरू करने वाले हैं.
लेकिन इन सब के बीच ये पता नहीं चल सका है कि वहां पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला को पढ़ाता कौन है. क्या जेल में उन्होंने कोई ट्यूटर रखा हुआ है या साथी कैदी उनकों ट्यूशन देते हैं.
ज्ञात हो कि पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला और उनके बेटे अजय चौटाला को 16 जनवरी 2013 को जेबीटी शिक्षक भर्ती मामले में 10 साल कैद की सजा सुनाई गई थी.
पिछले दिनों जमानत पर बाहर आए चौटाला ने बताया कि तिहाड़ में उनकी सुबह अखबार की खबरों पर चर्चा के साथ शुरू होती है. इसके बाद पढ़ाई-लिखाई करते हैं. साथ ही टीवी देखना भी उनके रूटीन में शामिल है.