खबर का टाइटल पढ़कर आप हैरान हो गए ना. लेकिन क्या करें खबर ही कुछ ऐसी है.
आप सोच रहें होंगे कि क्या ऐसा भी हो सकता है कि भारत के किसी राज्य के मुख्यमंत्री को अपना खर्च निकालने के लिए कुली का काम करना. वो भी तब मुख्यमंत्री के पास पूरे राज्य के खजाने की चाबी हो.
लेकिन से खबर सच है. संभवत यह देश में पहली बार ऐसे हो रहा है कि किसी राज्य का मुख्यमंत्री अब कुली बनने जा रहा है.
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के पास भले राज्य के खजाने की चाबी है और उनको वेतन भी लाखों में है, लेकिन फिर भी उनको अपना खर्च जमा करने के लिए पैसे की सख्त दरकार है. इसके लिए वे दो दिन कुली काम करेंगे. मुख्यमंत्री को तो छोड़िए उनके मंत्री, विधायक और पार्टी के कार्यकर्ता भी कुली राज्य में कुली काम करेगे.
दरअसल मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति का सम्मेलन होना है. इसके लिए पैसे की जरूरत है. पार्टी फंड में पैसे की कमी पूरी करने के लिए उन्होंने पैसा जमा करने उनहोंने एक अनूठा तरीका खोजा है.
मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव स्वयं और उनके सभी मंत्री, विधायक, पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के नेता तथा कार्यकर्ता अंबेडकर जयंती से दो-दो दिन कुली के रूप में काम करेंगे.
सूत्रों के मुताबिक दो दिन तक मजदूरी (इसमें खेतिहर मजदूरी भी शामिल है) कर टीआरएस नेता इतनी रकम एकत्र कर लेंगे, जिससे पार्टी सम्मेलन में भाग लेने के लिए आने-जाने और भोजन का खर्च वहन कर सके.
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने एक सप्ताह तक चलने वाले इस अभियान को गुलाबी कुली दिन (पिंक कुली डेज) शीर्षक दिया है, क्योंकि उनकी पार्टी टीआरएस का रंग गुलाबी ही है.
हालांकि मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने यह नहीं बताया कि वह कुली के रूप में किस तरह की मजदूरी करेंगे लेकिन उन्होंने कहा कि वह काम में काम करके अपने साथियों का न केवल नेतृत्व करेंगे बल्कि उनके सामने नजीर भी पेश करेंगे.
आपको बता दें मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव राव ने पार्टी कार्यकर्ताओं से आहवान किया है कि कम से कम दो दिन काम कर आने-जाने और अन्य खर्चों के लिए पैसा जुटाएं. गौरतलब हो कि 21 अप्रैल को हैदराबाद के पास कोमपल्ली में पार्टी का वार्षिक सम्मेलन का आयोजन किया जाना है.
इसमें कई स्थानों पर नेता-कार्यकर्ता जुटेंगे और तेलंगाना का सबसे खास इलाका कहे जाने वाले वारंगल में एक विशाल जनसभा होगी. इसके लिए जरूरी धन जुटाने के लिए ही पार्टी और मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने ये अनोखा फैसला किया है.