पशु क्रूरता – आज के दौर में ज्यादातर लोग नशा करने लगे हैं.
कई बार तो कुछ लोग जाने-अनजाने में ज्यादा नशा कर लेते हैं, जिसकी वजह से वे ऐसी हरकतें करने लग जाते हैं कि उन्हे हंसी का पात्र बनना पड़ जाता है.
जब से सोशल मीडिया पर लोग एक्टिव हो गये हैं. तब से अगर कोई चीज गलत या यूनिक दिखती है तो वे तुरंत उसका वीडियो बनाकर पोस्ट कर देते हैं. कई बार वीडियो काफी फनी तो कभी क्रूरता से भरे हुए होते हैं. अकसर आपने वीडियो में सड़क पर नशेड़ियों को नागिन डांस करते देखा होगा तो कभी उन्हें सड़क पर साड़ से भिड़ते देखा होगा.
लेकिन क्या आपने कभी किसी शराबी को राक्षस बनते देखा है, जिसने नशे में धुत होकर जिंदा मुर्गा खाना शुरु कर दिया हो शायद नहीं…
तेलंगाना में घटी कुत्सित घटना
जी हां, ऐसा ही एक मामला तेलंगाना में सामने आया है. जहां का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. जिसमें एक लड़का शराब के नशे में जिन्दा मुर्गे को खाता दिखाई दे रहा है. साथ ही उसके बगल में उसके साथी के ऊपर इतना हैंगओवर चढ़ा है कि वह बेसुध पड़ा है. वीडियो में मुर्गे के साथ क्रूरता को देख सोशल मीडिया पर लोगों के बीच गुस्से का माहौल है. साथ ही यूजर्स ने आधिकारिक कार्रवाई की मांग की है.
शराबी ने नशे में खा लिया जिंदा मुर्गा
दरअसल यह कुत्सित घटना 31 जुलाई को तेलंगाना के महबूबाबाद के केस मुद्रम में घटी. जहां दो युवक पार्टी करने के लिये चिकनकरी बनाने के लिये मुर्गे को खरीदकर लाए थे. लेकिन उन्होने पार्टी से पहले ही जमकर शराब पी ली. लेकिन कुछ ही देर में हैंगओवर इतना चढ़ गया कि दोनों युवक सड़क के किनारे ही बेसुध होकर गिर पड़े. कुछ देर बाद जब एक युवक को होश आया तो उसे इतनी जोर भूख लगी कि उसने मुर्गे को पकाए बिना ही पंखों सहित खाना शुरु कर दिया.
वहीं पास से एक शख्स गुजर रहा था उसने युवक की इस राक्षसीपने को देखा तो वीडियो बना लिया और उसे सोशल मीडिया पर डाल दिया. जिसे देखकर लोगों में आक्रोश जाग उठा. लोगों का कहना है कि ये जिंदा पशु-पक्षी पर क्रूरता है. वीडियो वायरल होने के बाद स्थानीय पुलिस ने सार्वजनिक स्थल पर पशु-पक्षी के साथ क्रूरता के आरोप में विशेष टीम गठित कर युवकों की तलाश शुरु कर दी है.
क्या कहता है कानून ?
उल्लेखनीय है कि जैसे ही पशुओं को बाजार से खरीदा जाता है, वहीं से पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 की भूमिका शुरू हो जाती है. इस अधिनियम के तहत पशुओं के साथ क्रूरता पर दोषी पाए जाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है, जिसमें जुर्माने के साथ न्यूनतम 3 महीने की सजा का प्रावधान है.
वहीं पशु क्रूरता निवारण अधिनियम -1960 के तहत एक नया नोटिफिकेशन जारी किया गया है. इसमें यह प्रावधान है कि पशु बाजारों से पशुओं की खरीद करने वालों को लिखित में यह वादा करना होगा कि इनका इस्तेमाल खेती के काम में किया जाएगा, न कि मांस के लिए. इन मवेशियों में गाय, बैल, सांड, बछड़े, बछिया, भैंस आदि शामिल हैं.
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