चेन्नई रेप कांड – क्या आप रेप मतलब समझते हैं?
हां में जवाब देने की गलती मत करिएगा। क्योंकि आप बिल्कुल भी नहीं समझते हैं। आपको केवल इस शब्द का मतलब पता है। अगर समझ रहे होते तो कहीं से तो आवाज उठती। दुनिया में कहीं तो हलचल हो रही होती। कम से कम देश में तो होती। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो रहा है। केवल रेप की घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही है।
साल की शुरुआत कठुआ रेप कांड से हो रही है। अब तो उस केस के मुख्य आरोपी के वकील को जम्मु-कश्मीर राज्य का सरकारी वकील भी बना दिया गया है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि कठुआ रेप पीड़ित बालिका को कितान न्याय मिलेगा। अफसोस। खैर वह इस दुनिया में नहीं है। तो उसकी आत्मा को शांति दे।
चेन्नई रेप कांड
एक पीड़िता तो चली गई और अपने साथ होने वाले रोज-रोज की दर्द से छुटकारा पा गई। लेकिन चेन्नई रेप कांड में पीड़िता का क्या जिससे 7 महीनों तक 18 लोगों ने रेप किया।
चेन्नई रेप कांड : 11 वर्षीय बच्ची, 7 महीने और 18 लोग
इस सबेहेड से आप समझ सकते हैं कि खबर क्या होगी। आप शायद इस आर्टिकल को बीच में छोड़कर दूसरे वेबसाइड में भी चले जाएं। क्योंकि यह तो रोज की बात है। लेकिन आपको नहीं लगता है कि रोज की बात यह क्यों हो गई है?
केवल इसलिए, लोग ऐसी खबरों से जिस तरह आंखें बंद कर लेते हैं वैसे ही वे ऐसी घटनाओं से भी मुंह मोड़ लेते हैं।
बिल्डिंग के अलग-अलग लोग करते थे रेप
अब मुद्दे पर आते हैं और सबसे पहले आपको पूरी खबर बताते हैं। चेन्नई के एक अपार्टमेंट एख परिवार रहता था। उस परिवार में 11 वर्ष की एक बच्ची भी शामिल थी। उस लड़की को सुनने-बोलने में भी दिक्कत है। या फिर यूं कहें कि वह विकलांग उर्फ दिव्यांग है। इस दिव्यांग लड़की से अपार्टमेंट के अलग-अलग 18 लोगों ने 7 महीने तक रेप किया।
#WATCH: Dramatic visuals from Mahila Court in Chennai where lawyers thrash the 18 accused, who sexually harassed an 11-year-old girl for over a period of 7 months. #TamilNadu pic.twitter.com/8ASDOlm7gW
— ANI (@ANI) July 17, 2018
इन लोगों में प्लम्बर से लेकर लिफ्टमैन तक शामिल था। मतलब की जिसको भी मौका मिला उसने इस बच्ची का रेप किया। किसी एक ने भी नहीं सोचा कि यह गलत है और वे इस छोटी सी लड़की की जिंदगी बरबाद कर रहे हैं।
सोचेंगे भी क्यों। सोचने के लिए इंसानियत की जरूरत होती है और दरिंदो के अंदर इंसानियत कहां से आ गई। जी हैं, ये दरिंदे नहीं तो क्या, जो इस बच्ची का इतने महीनों तक रेप करते रहे। शायद इनके जुर्म का पर्दाफाश भी नहीं होता अगर उस पीड़िता ने अपनी बहन को इस बारे में कुछ बताया नहीं होता।
देते थे बेहोशी की दवा
जब इस बच्ची से बर्दाश्त नहीं हुआ तो इस बच्ची ने एक दिन स्कूल से घर आते वक्त सबकुछ बताया। इस बच्ची से रेप से पहले बेहोशी की दवा दी जाती थी। इसके अलावा बच्ची को ब्लैकमेल भी किया गया और एक वीडियो भी बनाया गया। जिसके आधार पर ब्लैकमेल किया गया।
एक दिन इस बच्ची ने अपनी बड़ी बहन को बताया और उसने अपने माता-पिता को बताया। लड़की की मां ने पुलिस से संपर्क किया और रविवार को शिकायत दर्ज की गई।
चेन्नई रेप कांड में अब देखना यह है कि अपराधी कब तक पकड़ में आते हैं। क्योंकि हमारे कानून का नियम है कि गुनहगार बाहर रह जाएं लेकिन बेकसूर जेल में ना जाएं।