सस्ता घर – किसी शहर में घर खरीदने के लिए कम से कम आपका बजट लाखों व करोड़ों में तो होना ही चाहिए.
साधारण फ्लैट, साधारण सी जगह पर खरीदना हो तो लाखों का बजट और किसी पॉश इलाक में फ्लैट चाहिए तो करोड़ों का बजट होना चाहिए. इसलिए तो नौकरीपेशा अधिकांश लोगों का अपना घर खरीदने का सपना सपना ही रह जाता है. ऐसे में यदि कोई आपसे ये कहे की 70 रुपए में सस्ता घर मिल रहा है तो आप कहेंगे कि क्या फालतू मज़ाक है या फिर सामने वाले का दिमाग़ खराब हो गया है. मगर ये दोनों ही बातें ग़लत हैं.
सचमुच एक ऐसी जगह है जहां सस्ता घर सिर्फ 70 रुपए में मकान मिल रहे हैं, मगर ये जगह अपने देश में नहीं सात समुंदर पार है.
इटली का नाम तो आपने सुना ही होग, जी हां, वही देश जहां की सोनिया गांधी हैं.
आपको जानकर हैरानी होगी कि इटली के ओलोलाई नामक गांव में आप एक यूरो यानी सत्तर रुपए में मकान खरीद सकते हैं. अरे हम मज़ाक नहीं कर रहे हैं भई, ये सच है. दरअसल इस खूबसूरत से गांव जिसका नाम ओलोलाई है, में ‘ब्रेन ड्रेन’ यानी प्रतिभा पलायन हो रहा है. यानी लोग गांव छोड़कर जा रहे हैं और दोबारा यहां नहीं लौट रहें. मतलब ये की वो लोग नौकरी के लिए ही नहीं, बल्कि हमेशा-हमेशा के लिए गांव छोड़ दे रहे हैं. यही वजह है कि पचास साल पहले जहां 2500 लोग थे, अब वहां सिर्फ़ 1300 लोग रह गए हैं. यानी लगभग आधे. ये हमारे देश के मेट्रो शहरों से बिल्कुल उलट है, क्योंकि दिल्ली मुंबई जैसे शहरों में तो हर जिन आबादी बढ़ती ही जा रही है, घटने का कोई नाम नहीं है.
ओलोलाई गांव के मेयर इफिसियो अरबाऊ गांव की घटती जनसंख्या से बहुत दुखी हैं.
इसलिए वो सिर्फ 1 यूरो में सस्ता घर देकर लोगों को अपने गांव में बसने के लिए बुला रहे हैं. लेकिन हां, ये सस्ता घर खरीदने के बाद आपको उसे रिनोवेट तो करवाना होगा जिसके लिए आपको अतिरिक्त 25 डॉलर देने होंगे. मेयर के मुताबिक, अगर कोई पच्चीस हज़ार डॉलर नहीं देगा, तो फिर मकान खरीदने के बाद भूल जाएगा. और घोस्ट सिटी, घोस्ट सिटी ही रह जाएगी.
यानी 1 यूरो में जो मकान मिलेंगे व खस्ता हाल होंगे.
बहरहाल सबसे अच्छी खबर ये है कि एक यूरो देने के बाद पच्चीस हज़ार डॉलर देने के लिए तीन साल का वक्त मुकर्रर है. मकान किसी भी हालत में क्यों न हो 1 यूरो में मिलना बड़ी बात है. हमारे देश में तो 70 रुपए में अब ठीक से एक वक़्त का खाना भी नहीं मिलता और मकान खरीदना तो दूर इसने पैसों में तो आपक मकान की एक ईंट खरीदने की भी नहीं सोच सकतें.
हालांकि इटली के इस गांव से अगर लोग जा रहे हैं तो ज़ाहिर सी बात है कि वहां सुविधाओं का अभाव होगा तभी सरकार इतना सस्ता घर या कहें कि फ्री में दे रही हैं, लेकिन किसी को अगर अपने घर का सपना पूरा करना है और बजट नहीं तो ज़रूर अपने नाम का एक घर यहां खरीद सकता है, क्योंकि इतने बजट में भारत में तो कछु नहीं होने वाला.