जमाने के साथ लोगों के विचार भी काफ़ी बदल जाते है.
बचपन में जो चीज़े अच्छी लगती हो जरुरी नहीं की वो ही टीनेज़ में भी समान हो. और जो बाते टीनेज़ में अच्छी लगती हो वो प्रौढ़ होते होते बदल भी जाती है. इस तरह बढती आयु और जमाने के साथ स्वाभाव और विचारों में बदलाव आना स्वभाविक है.
यह सारी स्थिती में अगर सफलता हासिल करनी हो तो केवल पैशन पर एकाग्र करना चाहिए.
आपको सवाल घेरने लगे होंगे कि, पैशन सफलता कैसे दिला सकती है ?
यह तो प्रोफेशन ही दे सकता है! पैसे नहीं कमाएंगे तो जीवन अस्त व्यस्त हो जाएगा, परिणामस्वरूप सफलता नहीं बेरोजगारी से नाता जोड़ना पड़ेगा.
प्रोफेशन क्या है ?
प्रोफेशन का सीधा गणित है.
प्रोफेशन = नौकरी/व्यवसाय + पैसा + रुतबा + इज्जत
अगर आपके पास अच्छी नौकरी या व्यवसाय है, तो वेतन भी अच्छा रहेगा.
इस लिए समाज में रुतबा बढेगा और इज्जत बनी रहेगी.
लेकिन कई बार यहा आपको अपने मर्जी के खिलाफ़ काम करना पड़ता है. भले आपको वो काम अच्छा नहीं लगता होगा या दबाव के चलते वह काम करना पड़ जाता है. तब आप अधिक समय तक ऐसे नौकरी में नहीं रह सकते. बावजूद इसके आप नौकरी से नहीं हट रहे हो तो आपकी सहनशीलता को प्रणाम करना चाहिए.
क्योंकि आप दुखी होने के बावजूद, वह नौकरी और व्यवसाय न चाहते हुए, परिवार के लिए कर रहे हो.
जो काम पसंद नहीं वो करने में रूचि नहीं आती तब वह काम ठीक से नहीं होता या फिर सराहनीय नहीं रहता. केवल करने के लिए वह काम आप पूरा करते हो.
पैशन क्या है ?
लोग हमेशा हाबीज़ और पॉशन को एक समझ लेते है. यह गलत धारणा है.
होबीज़ को आप पैशन बना सकते है. इस में कोई दो राय नहीं है.
लेकिन हाबीज़ पैशन नहीं होती है.
हाबीज़ को आप किसी भी खाली वक़्त में पूरा कर सकते हो.
पैशन का यह गणित समझ लेते है.
पैशन = प्रोफेशन + दिल से प्रेरणा + पूरी निष्ठा
पैशन यानी वो काम जो आपको जीवन में संतुष्टि देगा. जो आपको पैसे कमा कर भी देगा. मगर उसके लिए शुद्ध मोटिवेशन और डेडिकेशन की सक्थ आवस्यकता है.
जहा पैशन में कम आमदनी, परिवार से प्रताड़ना, दोस्तों में बेज्जती और दीर्घकाल के पश्चात परम सफलता मिलती है.
अक्सर बच्चे अपने माँ बाप के व्यवसाय या नौकरी करते है. किंतु जरुरी नहीं के आप उस काम को अच्छे से निभा पाओ.
किंतु जब पैशन की बात आती है तो एक उदाहरण पोलिस की नौकरी का है.
कुछ युवाओं को पुलिस में भर्ती होना अधिक पसंद है. जबकी पुलिस कर्मियों की पगार आज के जमाने में बढ़ रहे मंहगाई की रफ़्तार नहीं पकड़ पा रही है. फिर भी वो पुलिस की नौकरी करते है. कई ट्रांसफर के बाद जाकर घर परिवार का चेहरा देखने को मिलता है. छुट्टियाँ नहीं मिलती. कभी वरिष्ठ तो कभी किसी के दबाव में रहकर काम को अंजाम देना पड़ता है.
जब आपको कोई चीज़ करना बेहद अच्छा लगता है. तो उस चीज़ के लिए आप भूख प्यास, नींद और दिन रात का चैन गवा बैठते है. साथ में हर परिस्थितियों में उसी सकारत्मक ऊर्जा के साथ काम कर सकते हो.
तो वह जज्बा आपको अंत में सफलता दिला ही देता है.
ऐसी सफ़लता जिसका मोल उस काम के पगार से भी कई गुना होता है.
क्योंकि उसमे संतोष, पैसा और इज्जत होती है. इसलिए सफलता चाहिए, संतुष्टि चाहिए तो प्रोफेशन के पीछे नहीं, पैशन के पीछे भागो.
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