यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के विधानसभा क्षेत्र में तैनात आईपीएस अधिकारी चारू निगम ने फेसबुक पर पोस्ट लिखी है.
पोस्ट में महिला पुलिस अधिकारी ने लिखा है कि मेरे आंसुओं को मेरी कमजोरी न समझना, कठोरता से नहीं कोमलता से अश्क झलक गये. महिला अधिकारी हूं तुम्हारा गुरूर न देख पायेगा, सच्चाई में है जोर इतना अपना रंग दिखलाएगा.
दरअसल, महिला अधिकारी चारु निगम ट्रेनी आईपीएस है. और सीओ गोरखनाथ है. वे देशी और अंग्रेजी शराब की दुकान बंद कराने की मांग लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों के प्रदर्शन को काबू करने के लिए मौके पर पहुंची थी.
जहां प्रशासन के रवैए से नाराज लोग अचानक हमलावर हो गए. जाम खत्म कराने की कोशिश में नाराज लोगों ने पुलिस पर पथराव कर दिया जिसमें सीओ गोरखनाथ (आईपीएस) चारु निगम भी जख्मी हो गईं.
इस बीच मौके पर पहुंचे विधायक डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल पास खड़े अधिकारी से मामले पर बातचीत करने लगे. लेकिन जैसे ही महिला पुलिस अधिकारी चारु निगम ने बीच में बोलना चाहा, तो उन्होंने उन्हें बुरी तरह टाटना शुरू कर दिया. उन्होंने कहा कि तुम मुझे मत बताओ, मैं आपसे बात नहीं कर रहा हूं… चुप रहो तुम….
राधा मोहन के इस व्यवहार से चारु निगम काफी आहत हुईं और उनकी मौके पर ही आंखे नम हो गईं. लेकिन बाद में अपने रोने को लेकर चारू निगम ने सफाई दी कि उनकी आंखों में जो आंसू थे वो विधायक की डांट से नहीं बल्कि बाद में वहाँ पहुंचे शहर के एसपी गणेश साहा द्वारा उनका पक्ष लिए जाने के कारण आए थे. क्योंकि एक सीनियर अधिकारी जिस प्रकार जूनियर अधिकारी के साथ खड़ा हुआ वह किसी के लिए भी भावुक कर देने वाला क्षण होता है.
उनका कहना था कि सर के आने से पहले, मैं वहां पुलिस अधिकारियों में सबसे वरिष्ठ थी लेकिन जब सर आए और पुलिस अधिकारियों का समर्थन किया तो मैं भावुक हो गई.
बाद में फेसबुक पर समर्थन करने वालों के बारे में चारू ने लिखा कि मेरी ट्रेनिंग ने मुझे कभी कमजोर होना नहीं सिखाया है.
वहीं अधिकारी से इस व्यवहार पर राधा मोहन ने कहा कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है. वे सीनियर से बात कर रहे थे, लेकिन महिला अधिकारी ने बीच में बोलना शुरू कर दिया. पुलिस जाम साफ करवा रही थी, लेकिन बूढ़ी, गर्भवती महिलाओं पर लाठीचार्ज करने का क्या मतलब बनता है.