मुंबई की “लाइफ लाइन” कही जाने वाली मुंबई लोकल ट्रेन के दम पर ही पूरी मुंबई रोज़ सांस ले पाती हैं.
अगर कुछ देर के लिए भी यह लोकल ट्रेने थम गयी तो पूरी मुंबई थम जाती हैं.
भारत में सबसे पहली ट्रेन मुंबई में ही मुंबई से ठाणे के बीच चली थी और वह ट्रेन भी लोकल ट्रेन के तौर पर ही चलायी गयी थी.
लेकिन आज के समय में पुरे मुंबई में रोज़ तकरीबन 2342 लोकल ट्रेनें लगभग सात लाख लोगों को हर दिन लाना ले जाना करती हैं. रोज़ चलने वाली इन लोकल ट्रेनों में कई तरह के लोग मिलते हैं और यदि आप इन्हें ज़रा गौर से देखे तो पायेंगे कि इन सब लोगों का अपना ही एक अलग किरदार हैं, जो हमें कई बार हंसाता भी तो कई बार बहुत गुस्सा भी दिलाता हैं.
आईएं आज हम आप को मुंबई लोकल ट्रेन में मिलने वाले ऐसे ही कई किरदारों से मिलवातें हैं, जिन्हें देखकर आप हंस भी सकते हैं, उनकी हरकतों पर नाराज़ भी हो सकते हैं. बस आप उन्हें नज़र अंदाज़ नहीं कर सकते हैं-
1. भूखें भेड़ियें:-
घबराईयें मत ये लोग उस तरह के भूखे नहीं बल्कि सीट के भूखे होते हैं. प्लेटफार्म में ट्रेन घुसी नहीं की ये भेड़ियें चलती ट्रेन में ही अंदर छलांग लगाते हैं, फिर सीट के लिए अपनी हवस भरी आँखों से दायें-बाएँ देख कर जिधर सीट मिलती हैं जाकर जम जातें हैं.
2. गेटकीपर:-
इन्हें गेटकीपर कहने की वजह यह हैं कि ये लोग चाहें कितनी लम्बी यात्रा में क्यों न निकले हो हमेशा ट्रेन के दरवाज़े पर ही खड़े-खड़े आना-जाना पसंद करते हैं. या तो इन लोगों को ऐसी कोई बीमारी होती हैं जो इन्हें बैठने से रोकती हैं या ट्रेन में खाली सीटें इन्हें बिलकुल भी पसंद नहीं आती हैं. उस बीमारी का मतलब तो आप समझ ही गए होंगे.
3. जुगाडू:-
ऐसे लोग अक्सर अपने बैठने का जुगाड़ बनाने के चक्कर में दूसरों के लिए मुसीबत बन जाते हैं. इन्हें जहाँ अपनी तशरीफ़ टिकाने का मौका मिलता हैं, टिका लेते हैं फिर चाहे वह दरवाज़े के पास खड़े होने वाला लोकल का खाली एरिया हो या सीट के पीछे टिकने के लिए लगा हुआ प्लाईवुड वाला पट्टा हो या तीन लोगों की सीट में चार लोगों के बैठने का जुगाड़ क्यों न हो.
4. तू कौन मैं खामखा:-
इस टाइप के लोग आपकी हर उस बात में मुह मारतें हैं जिससे इनका कोई लेना-देना ही नहीं होता. अगर आप अपने साथ बैठे किसी व्यक्ति से बात कर रहे हैं तो ये इस तरह सर हिलाते हैं जैसे यह महानुभाव भी उस चर्चा में शमिल हैं.
5. द पसीना मैन:-
ऐसे लोग अपने पसीने से ही परेशान रहते हैं. इन्हें ट्रेन में आते ही इतना पसीना आता हैं कि इनके खुद के कपड़े तो भीगते ही हैं, साथ ही इनके करीब बैठा आदमी भी इनके पसीने से नहा लेता हैं.
6. दी फाइटर:-
ट्रेन में इस तरह के लोग शायद ट्रेवल करने नहीं बल्कि कुश्ती करने आते हैं. साथ खड़े किसी भी आदमी का ज़रा सा हाथ या शरीर क्या लगा इनका पारा सातवें आसमान में चढ़ने लगता हैं, और देखते ही देखते मुंबई लोकल ट्रेन WWE का अखाड़ा बन जाती हैं.
7. दी तांक-झांक मैन:-
इन लोगों को तांक झाँक मैन कहने की वजह ये खुद ही हैं. ऐसे लोग अगर आप के पास में या आसपास कही भी हैं तो संभल जाईयें क्योकि ये आपके न्यूज़ पेपर, आपकी किताबें, आपके जेब यहाँ तक कि आपके मोबाइल में आप क्या कर रहे हैं हर एक चीज़ उचक-उचक कर देखते हैं.
8- भजन सम्राट:-
भजन सम्राट टाइप के लोगों की एक पहचान हैं कि ये लोग अक्सर ग्रुप में होते हैं. इनके माथे में तिलक लगा होता हैं और ऑफिस बैग में ढपली होती हैं, साथ ही एक छोटा टिफ़िन होता हैं जिसमे पूरी तरह से सुख चूका पेड़ा होता वो भी एक का चार हिस्सा किया हुआ जिसे इनके ग्रुप मे से एक बंदा उठ कर आस-पास बैठे सभी लोगों को बांटता हैं और बाकि सब भजन गाते हुए बाकि यात्रियों का मनोरंजन करते हैं.
मुंबई लोकल में पाए जाने वाले इस तरह के सारे कैरेक्टरों से मेरा सामना तो रोज़ होता हैं, यदि आपका भी ऐसे ही किसी अतरंगी कैरेक्टर से सामना होता हैं तो हमें ज़रूर बताएं.
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