हिन्दू मान्यता के अनुसार आठ लोग अजर अमर है और आज भी इस धरती पर विचरण करते है.
हनुमान की गिनती भी इन्ही आठ चिरंजीवियों में होती है. कहा जाता है कि राम बैकुंठ प्रस्थान के बाद भी हनुमान इसी धरती पर रहे और राम भक्तों की सहायता करते रहे.
हनुमान की उपस्थिति महाभारत में भी है किस प्रकार उन्होंने भीम का घमंड तोडा था. महाभारत के युद्ध में कुरुक्षेत्र में अर्जुन के रथ की पताका पर भी हनुमान विराजमान थे.
द्वापर में आने के बाद हनुमान जी ने कलयुग में भी अपने भक्तों को दर्शन दिए है और उनकी सहायता की है. कहा जाता है कि तुलसीदास को रामचरितमानस लिखने की प्रेरणा भी हनुमान ने स्वयम आकर दी थी.
तमिलनाडु के एक गाँव मे बजरंगबली का स्थान माना जाता है. कहा जाता है कि इस स्थान में अभी भी हनुमान विश्राम करने के लिए आते है.
वैसे तो हनुमान इस धरती पर उपस्थित है लेकिन वो हमेशा अदृश्य रूप में ही रहते है. यदि हनुमान को सशरीर देखना हो तो उसके लिए श्रीलंका की एक आदिवासी जाति की सहायता लेनी पड़ती है.
श्रीलंका की ये जाती हनुमान की परम भक्त है और ये तथा इनके पुर्वजोंपुराने समय से हनुमान जी की सेवा करते आये है.
इस जाती के पूर्वजों की सेवा से प्रसन्न होकर हनुमान ने उन्हें वरदान स्वरुप एक मन्त्र दिया. इस चमत्कारिक मन्त्र के जाप से हनुमान भक्त बजरंग बली के साक्षात् दर्शन कर सकता है.
लेकिन बजरंगबली को देखना इतना भी आसान नहीं है कि बस मन्त्र पढ़ा और हनुमान जी आँखों के सामने.
इस चमत्कारिक मन्त्र का उपयोग करने से पहले दो महत्वपूर्ण शर्तों को पूरा करना होता है यदि इन शर्तों में से एक भी पूरी नहीं होती तो मन्त्र व्यर्थ जाएगा और हनुमान के दर्शन नहीं होंगे.
आइये पहले जानते है आखिर क्या है वो चमत्कारिक मन्त्र जिससे आप हनुमान को सशरीर अपनी आँखों से देख सकते है.
कालतंतु कारेचरंती एनर मरिष्णु, निर्मुक्तेर कालेत्वम अमरिष्णु
इस मन्त्र का विधिपूर्वक जाप करने और मन्त्र की सफलता के लिए आवश्यक दोनों शर्तें पूरी करने पर हनुमानजी दर्शन देते है.
अब जानिए क्या है वो दो मुश्किल शर्तें
पहली शर्त ये है कि आपको ये पता होना चाहिए कि आपका और भगवान का सम्बन्ध क्या है?
क्या वो भक्त और भगवान का है, या प्रेमी और प्रेमिका का, या भाई भाई का या मालिक और दास का या फिर मित्र का.
यह चमत्कारिक मन्त्र तभी फलित होता है जब आपको पता होता है कि आपकी आत्मा और परमात्मा में कैसा सम्बन्ध है.
दूसरी शर्त ये है कि जब व्यक्ति इस मन्त्र का जापकर रहा हो तो उसके आसपास कोई ऐसा व्यक्ति होना चाहिए जिसने इस मन्त्र के माध्यम से हनुमान के दर्शन किये हो लेकिन साथ ही इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि उस व्यक्ति के सिवाय और कोई नहीं होना चाहिए.
यदि आसपास कोई ऐसा व्यक्ति हुआ जिसने मन्त्र का उपयोग कर हनुमान के दर्शन नहीं किये है तो भी ये मन्त्र फलित नहीं होगा.
यदि ये दो शर्तें पूरी कर दी तो फिर आप भी बजरंगबली के दर्शन कर सकते है.
अब इस बात में कितनी सच्चाई है ये तो वही बता सकता है जिसने मन्त्र जाप से बजरंगबली के दर्शन किये है.