चाणक्य की बातें – महान गुरु चाणक्य का कहना था की हमें शेर से 1, बगुले से 1, मुर्गे से 4, कौवों से 5 और कुत्ते से 6 बाते सीखनी चाहिए –
चाणक्य की बातें –
१. चाणक्य का कहना था कि किसी भी काम को पूरी ताकत के साथ करना चाहिए ठीक उसी तरह जिस तरह शेर अपना शिकार पकड़ता है. अगर अपनी पूरी ताकत नहीं लगा सकते तो तुम्हारा प्रयास विफल है. हमें शेर से सीखना चाहिए कि वह चाहे किसी बराबर के शेर से लड़े या अपना शिकार पकड़ने के लिए हिरन का पीछा करें वह सभी कार्यों में अपनी पूरी ताकत लगाता है. और हमें भी शेर की ही तरह अपने हर कार्य में अपनी पूरी ताकत झोक देनी चाहिए.
२. एक बगुला पूरी स्थिरता कई साथ जब भी खड़ा होता है तो वह सबसे पहले संयम के साथ सब कुछ भांपने लगता है. बगुला ठीक तभी खड़ा होता है जब मछलियां उसके आस-पास आ जाती हैं. वह वहाँ खड़ा नहीं होता जहा मगरमच्छ होता है. बगुला हमेशा उसी शिकार पर हमला करता है जिसे वह पकड़ने कि क्षमता रखता हो इसलिए वह मगरमच्छ को चोंच तक नहीं मारता. हमें भी ठीक बगुले की तरह पहले मार्केट को समझना चाहिए और देखना चाहिए कि कौन-सी जगह पर हम खेलने की क्षमता रखते हैं. हम बगुले से सीखते हैं की किस तरह हमेशा अपने ताकत के अनुसार अपना शिकार चुनना चाहिए.
३. सूर्य उभय से पहले उठ जाना और अपनी सभी लडाईयां वीरता से लड़ना. अपनी हर चीज अपने साथ वालो में मिल बाट के खान और खुद मेहनत कर के अपना भोजन जुटाना ये चार चीजें हम मुर्गे से सीखते हैं.
४. कौवे से हमें 5 बाते सीखनी चाहिए, पहली ये कि इस कठोर दुनिया में आगे बढ़ाने के लिए ढीठ होना जरूरी होता है. कोई हमारे बारे में चाहे जो भी कहे जो भी सोचें हमें केवल वही करते रहना चाहिए जिसे हमने अपना लक्ष्य साझा है. ढिठाई का सबसे अच्छा उदाहरण है ‘दशरथ मांझी’ इस शख्स की ढिठाई पर बॉलीवुड में फिल्म तक बन चुकी है. दूसरा गुण छुपकर सौभत करना. तीसरी बात कौवा हमेशा चीजें इक्ठ्ठी करता रहता है. चौथा हमेशा सावधान रहना और पाँचवाँ अपने सिवा किसी पर भरोसा ना करना.
५. कुत्ते में 6 गुण होते हैं जिन्हें हमें अपने जीवन में ढालना चाहिए, सबसे पहला गुण कुत्ते में बहुत ज्यादा खाने कि क्षमता होती है और दूसरा वह थोड़ा सा खा कर भी खुश रह सकता है. तीसरा गुण बहुत ही गहरी नींद लेता है और चौथा हलकी सी आहट से भी जाग उठता है. पाँचवाँ गुण वफादारी, कुत्ते को यदि अपने मालिक के लिए शेर से भी लड़ना पड जाए तो वह एक बार नहीं सोचेगा. छठा गुण बहादुरी. यह छह बाते हमें कूते से सीखने चाहिए.
ये है चाणक्य की बातें – जानवर भले ही बेजबान हो लेकिन उन सभी में कुछ ना कुछ गुण तो होते ही हैं जिनसे हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है. चाणक्य का इन गुणो के बारे में कहना है कि अगर कोई भी व्यक्ति इन सभी गुणों को सीखने में सफल हो गया तो उसे जीवन में कोई भी नहीं हरा पाएगा.