राजनीति

क्या सच में जिंदा जला दिए थे महान चाणक्य, पढ़िए पूरा सच

चाणक्य की मृत्यु – चाणक्य जिन्हे भारत ही नहीं, पूरी दुनिया के सबसे बड़े राजनीति के ज्ञानी, कुशल नीति शास्त्र के ज्ञाता, बुध्दिमानी व्यक्ति के रूप में जाना जाता है।

उनके जैसा  राजनीतिज्ञ ना तो आजतक कोई हुआ है और ना ही कोई होगा। उनकी समझ और दूरदर्शिता की जितनी तारीफ की जाएं वो कम ही है। देश के सबसे बड़े मौर्य शासक जिन्होने भारत को समृध्द औऱ सशक्त बनाने में बड़ी भूमिका निभाई, उनके पीछे भी चाणक्य का ही हाथ था। चाणक्य को सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य के गुरू और मौर्य साम्राज्य के तौर पर जाना जाता है।

उनकी नीतियों पर चलकर ही चंद्रगुप्त ने नंद वंश का विनाश कर मौर्य साम्राज्य की नींव रखी और देश को एक कुशल नेतृत्व प्रदान किया। चाणक्य की नीतियों का अनुसरण कर ही चंद्रगुप्त ने खुद को एक महान राजा के तौर पर स्थापित किया। चाणक्य ने राजनीति के अलावा समाज में रहने के बहुत से तरीके बताए जिनका पालन आज भी बुध्दिजीवी वर्ग करता है।

चाणक्य के चंद्रगुप्त मौर्य के शासन काल में उन्हे, राज्य को औऱ पूरे देश को कईं षड़यंत्रों से बचाया। ये कहना गलत नहीं होगा कि चंद्रगुप्त की तलवार के पीछे चाणक्य की बौध्दिक क्षमता का भी बहुत बड़ा हाथ रहा है।

चाणक्य को कौटिल्य के नाम से भी जाना जाता है। चाणक्य के नाम से और उनके जीवनकाल में उनके द्वारा किए गए कार्यों से तो पूरी दुनिया परिचित है लेकिन चाणक्य की मृत्यु किस प्रकार हुई, ये एक रहस्य ही है जिसका खुलासा आजतक नहीं हो पाया है।

चाणक्य की मृत्यु को लेकर कईं शोधकर्ता कईं तर्क देते हैं लेकिन वो सभी एक-दूसरे से भिन्न हैं। जी हां, चाणक्य किस प्रकार इस दुनिया से गए, इसके बारे में कुछ खास जानकारी किसी के पास नहीं है और जो है वो भी एक-दूसरे से मेल नहीं खाती है लेकिन उनकी मौत का एक ऐसा कारण भी प्रचलित है जिसे सुनकर आप भी चौंक उठेंगे।

दरअसल, कहा जाता है कि महाराज चंद्रगुप्त की मृत्यु के बाद उनके पुत्र बिंदुसार को सत्ता पर बैठाया गया तो चाणक्य, बिन्दुसार के भी उतने ही करीब थे जितने वो चंद्रगुप्त के थे, बिन्दुसार के शासनकाल में भी चाणक्य को वही मान-सम्मान और स्थान मिला हुआ था, जो चंद्रगुप्त के काल में था और जिसके वो हकदार थे। लेकिन कुछ लोगों को ये बात नहीं भाती थी और शायद यही वजह थी कि उन्होने भिन्न-भिन्न तरीकों से चाणक्य और बिन्दुसार को अलग करने की कोशिश की। उनका मूल ध्येय यही था कि वो किसी भी प्रकार से राजा को चाणक्य के खिलाफ भड़काकर दोनों को अलग कर पाए और काफी वक्त की कोशिशों के बाद वो ऐसा करने में कामयाब भी हुए और बिन्दुसार, चाणक्य को गलत समझ बैठे, ये कहना भी गलत नहीं होगा कि ये बिन्दुसार के जीवन की सबसे बड़ी भूल थी।

ऐसा कहा जाता है कि राजा और आचार्य दोनों के बीच दूरियां  एक समय में इतनी बढ़ गई कि आचार्य महल छोड़ जंगल चले गए।

यहां तक लगभग सभी शोधकर्ताओं का मत एक ही है लेकिन इसके बाद कुछ शोधकर्ताओं का ऐसा मानना है कि चाणक्य जंगल में जाकर अन्न-जल त्याग कर रहने लगे और ऐसा उन्होने तब तक किया जब तक उनके प्राण नहीं निकल गए तो वहीं कुछ शोधकर्ताओं का ऐसा कहना है कि आचार्य चाणक्य के जंगल जाने के बाद महल के कुछ षडयंत्रकारियों ने उन्हे जिंदा जला दिया था.

चाणक्य की मृत्यु – अब इन दोनों शोधों में से सच क्या है इसा बारे में अभी कोई जानकारी नहीं मिल पाई है, लेकिन इतना ज़रूर है कि अगर सच में चाणक्य की मौत किसी षड़यंत्र के चलते हुई थी तो इस बात पर विश्वास कर पाना बहुत मुश्किल है कि जिस व्यक्ति ने सालों तक मौर्य वंश को कईं षडयंत्रों से बचा कर रखा आखिर वो किसी षडयंत्र  में कैसे फंस गया?

Shivam Rohatgi

Share
Published by
Shivam Rohatgi

Recent Posts

इंडियन प्रीमियर लीग 2023 में आरसीबी के जीतने की संभावनाएं

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया में सबसे लोकप्रिय टी20 क्रिकेट लीग में से एक है,…

2 months ago

छोटी सोच व पैरो की मोच कभी आगे बढ़ने नही देती।

दुनिया मे सबसे ताकतवर चीज है हमारी सोच ! हम अपनी लाइफ में जैसा सोचते…

3 years ago

Solar Eclipse- Surya Grahan 2020, सूर्य ग्रहण 2020- Youngisthan

सूर्य ग्रहण 2020- सूर्य ग्रहण कब है, सूर्य ग्रहण कब लगेगा, आज सूर्य ग्रहण कितने…

3 years ago

कोरोना के लॉक डाउन में क्या है शराबियों का हाल?

कोरोना महामारी के कारण देश के देश बर्बाद हो रही हैं, इंडस्ट्रीज ठप पड़ी हुई…

3 years ago

क्या कोरोना की वजह से घट जाएगी आपकी सैलरी

दुनियाभर के 200 देश आज कोरोना संकट से जूंझ रहे हैं, इस बिमारी का असर…

3 years ago

संजय गांधी की मौत के पीछे की सच्चाई जानकर पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक जाएगी आपकी…

वैसे तो गांधी परिवार पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और उस परिवार के हर सदस्य…

3 years ago