हनुमान जी का जन्म – हमारे देश में पवनपुत्र हनुमान जी के भक्तों की कोई कमी नहीं है. उनके भक्त हर मंगलवार और शनिवार को अपने इस आराध्य की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं. हनुमान चालीसा और बजरंग बाण से हनुमान जी की स्तुति करते हैं और अपने सभी कष्टों को दूर करने की प्रार्थना करते हैं.
हनुमान जी भगवान शिव के रुद्रअवतार हैं. हनुमान जी की माता का नाम अंजनी है इसलिए उन्हें आंजनेय भी कहा जाता है. जबकि उनके पिता का नाम केसरी है इसलिए उन्हें केसरी नंदन भी कहा जाता है.
अगर आप भी हनुमान जी के भक्त हैं तो क्या आप जानते कि आपके इस आराध्य देव का जन्म कहां हुआ था. अगर आपको ये नहीं पता है तो चलिए हम आपको बताते हैं कि हनुमान जी का जन्म भारत के किस क्षेत्र में हुआ था.
यहां हुआ था हनुमान जी का जन्म
मान्यता के अनुसार शिव के रुद्रावतार हनुमान जी का जन्म भारत की पावन भूमि पर ही हुआ था लेकिन भारत में कई ऐसे स्थान है जहां कई जानकारी हनुमान जी के जन्म लेने का दावा करते हैं.
1- गुमला जिला, झारखंड
कुछ विद्वानों का मानना है कि हनुमान जी का जन्म झारखंड राज्य के गुमला जिला मुख्यालय से 21 किलोमीटर दूर आंजन गांव की एक गुफा में हुआ था. इसलिए इसका नाम आंजन धाम रखा गया है. माता अंजनी का निवास स्थान होने की वजह से इस स्थान का एक नाम आंजनेय भी है.
इसी जिले में पालकोट प्रखंड में बालि और सुग्रीव का राज्य था. माना यह भी जाता है कि यहीं पर शबरी का आश्रम था. इन पवित्र पहाड़ों में एक ऐसी भी गुफा है जिसका संबंध सीधा-सीधा रामायण काल से जुड़ा है. यह भी माना जाता है कि माता अंजनी इस स्थान पर हर रोज भगवान शिव की आराधना करने आती थीं और इसी कारण से यहां 360 शिवलिंग स्थापित हैं.
इस स्थान पर कई तालाब हैं जहां माता अंजनी स्नान करती थीं. यहां पर आंजन माता का मंदिर भी बना हुआ है और मंदिर के नीचे एक प्राचीन गुफा भी है जिसे सर्प गुफा कहते हैं. यहां आनेवाले भक्त सर्प गुफा के दर्शन जरूर करते हैं.
हनुमान जी के अनेको मंदिरों में इस मंदिर का विशेष स्थान है क्योंकि एक तो ये हनुमान जी का जन्म स्थान है और दूसरा इस जगह बाल हनुमान अपनी माता अंजनी की गोद में विराजमान है.
2- डांग जिला, गुजरात
कुछ जानकारों का मानना है कि गुजरात के नवसारी स्थित डांग जिले को पूर्व काल में दंडकारण्य प्रदेश के रुप में जाना जाता था. जहां श्रीराम ने अपने जीवन के 10 साल गुजारे थे.
डांग जिले के आदिवासियों की सबसे प्रबल मान्यता यह है कि डांग जिले के अंजना पर्वत में स्थित अंजनी गुफा में ही हनुमानजी का जन्म हुआ था .
3– कैथल, हरियाणा
हरियाणा के कैथल शहर को भी हनुमान जी का जन्मस्थान माना जाता है. मान्यताओं के अनुसार कैथल का प्राचीन नाम कपिस्थल था. कपिस्थल कुरू साम्राज्य का एक प्रमुख भाग था.
पुराणों के अनुसार इसे वानर राज हनुमान का जन्म स्थान माना जाता है. कपि के राजा होने की वजह से हनुमान जी के पिता केसरी को कपिराज कहा जाता था.
4- हंपी, कर्नाटक
कर्नाटक के बेल्लारी जिले के हंपी नामक नगर में हनुमान जी का एक प्राचीन मंदिर स्थापित है. कुछ विद्वानों के अनुसार वर्तमान का यह क्षेत्र प्राचीन की किष्किंधा नगरी है और इसका उल्लेख वाल्मिकि रामायण व रामचरित मानस में मिलता है.
मान्यता है कि प्राचीन काल की इस किष्किंधा नगरी में ही हनुमान जी का ज्नम हुआ था और इसी जगह पर हनुमान जी का अपने प्रभू श्रीराम से पहली बार मिलन हुआ था.
5- नासिक जिला, महाराष्ट्र
कुछ लोगो का मानना है की हनुमान का जन्म अंजनेरी पर्वत पर हुआ था. ये स्थान त्र्यंबकेश्वर से करीब सात किलोमीटर दूर नासिक जिले में है. कहा जाता है कि इसी स्थान पर हजारों साल पहले हनुमान जी का जन्म हुआ था.
अंजनेरी पर्वत पर माता अंजनी का मंदिर है और हनुमान जी का मंदिर उससे और अधिक ऊंचाई पर स्थित है. लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए लंबा और कठिन सफर तय करना पड़ता है.
यहाँ हुआ था हनुमान जी का जन्म – भले ही जानकारों के मुताबिक भारत के अलग-अलग जगहों को हनुमान जी की जन्मस्थली बताया जा रहा है लेकिन इन जगहों पर हनुमान और माता अंजनी से जुड़े कोई ना कोई साक्ष्य जरूर मिलते हैं जो ये बताते हैं कि इन जगहों का हनुमान जी के जन्म से गहरा रिश्ता है.
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