बिल्लियों की ममी – ममियों का देश मिस्र पूरी दुनिया में अपने ममी और पिरामिडों के लिए फेमस है।
इसके पिरामिड और ममी देखने हर साल लाखों पर्यटक मिस्र जाते हैं। आप इनकी कला की बारीकी और सुंदरता का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि दुनिया के 8 अजूबों में से एक मिस्र की ममी है।
मिस्र की सभ्यता के पिरामिड लगभग 5000 साल पुराने हैं। वैसे तो मिस्र विकसित देश है और वहां की रानी किल्योपिट्रा की सुंदरता के चर्चे आज भी होते हैं। लेकिन फिर भी पूरी दुनिया में अपनी ममी, फराओ और पिरामिड के लिए ही ज्यादा फेमस है।
मिस्र की ममी संस्कृति
मृत शरीर पर लेप आदि लगाकर उसे सालों तक सुरक्षित रखने की प्रक्रिया को ममी कहा जाता है। ममी की उत्पत्ति प्राचीनकाल में मिस्र में हुई। मिस्र के लोग और बाकी देशों में लोग अपने प्रियजनों और प्रिय जानवरों की मृत्यु के बाद उनकी ममी बनवाकर उन्हें सालों तक संभाल कर रखते थे।
मिलियन से भी ज्यादा ममी
मिस्र में ममी बनाने की कला काफी प्रचलित है और यह एक तरह से वहां की संस्कृति है। इसलिए तो मिस्र में एक मिलियन से ज्यादा ममी हैं। इसके अलावा पूरे विश्व में मानव और जानवरों की ममी आज भी पाई जाती हैं। इन ममी की खुदाई आज भी जारी है क्योंकि इनमें इतिहास से जुड़ी अनेक रोचक कहानियां शामिल होती हैं। इसलिए कई बार ये आम इंसानों के साथ वैज्ञानिकों को भी आश्चर्यचकित करती हैं।
दुनिया हुई चकित
हाल ही में ऐसे ही कुछ ममी को देखकर लोग चकित हुए हैं। हाल ही में मिस्र में एक ममी को इतिहास या खजाने की खोज की संभावना से खोला गया लेकिन उसमें से जो निकला उसे देखकर सब हैरान हो गए।
6 हजार साल पुराने मकबरे में से मिली हजारों ममियां
हाल ही में इजिप्ट में एक 6 हजार साल पुराने मकबरे को खोला गया, जिसमे थी बिल्लियों की ममी, जिसमें मिले बिल्लियों के कंकाल ने साइंटिस्ट्स को हैरत में डाल दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक ये प्राचीन मकबरा इजिप्ट के कायरो इलाके में एक पुरातत्व विज्ञानी ने अप्रैल में खोजा था, लंबे समय से इस मकबरे पर रिसर्च चल रही थी, जिसके बाद इसे रविवार को खोला गया है। उम्मीद की जा रही थी कि इस मकबरे के नीचे हजारों साल पहले के किसी राजा का ममी मिल सकता है, लेकिन जो चीजें सामने आईं उसने कई पहेलियों को जन्म दे दिया।
मकबरे में खुदाई के दौरान एक साथ दर्जनों बिल्लियों की ममी मिले। पहले साइंटिस्ट्स को लगा कि ये किसी तरह के बर्तन होंगे, जिन्हें उस दौर में मुर्दे के साथ दफनाया जाता था। लेकिन जब जांच की गई तो सब हैरान थे।
सुरक्षित बिल्लियों की बॉडी
आपको लेख के शुरुआत ही हमने बता दिया की पुराने जमाने में लोग अपने प्रियजनों के शरीर में अच्छे से लेप लगाकर ममी बनाते थे। बिल्लियों की भी ममी को इसी तरह से बनाया गया था। जिसके कारण बॉडी लगभग 6 हजार साल बाद भी काफी हद तक सुरक्षित है। कपड़े से लपेटकर ममी बनाए जाने के कारण उनका शरीर ठोस हो चुका था। पुरातत्व मंत्रालय की ओर से खालिद अल एनी ने कहा कि ये मकबरा गीजा के पिरामिड से भी पुराना है। वहीं पुरातत्व विभाग के हेड मुस्तफा वजीरी ने कहा कि बिल्लियों की ममी के अलावा यहां सैंकड़ो बीटल्स (एक तरह का कीड़ा) के भारी तादाद में ममी मिले हैं।
बिल्लियों की ममी वैज्ञानिक और पुरातत्वेताओं को पुराने जमाने के कई सारे परतें खोलने में मदद करने वाले हैं।
क्यों तैयार की जाती थी ममी
आपकी जानकारी के लिए आपको बता देते हैं कि प्राचीन मिस्र और विश्व के कई अन्य देशों में पुनजर्न्म में विश्वास रखने के कारण ममियां तैयार की जाती थीं। पुराने जमाने में माना जाता था कि मृत व्यक्ति के शरीर को संभालकर रखा जाना चाहिए, ताकि अगले जन्म में वो उस शरीर को पा सकें। इसी सोच की वजह से प्राचीनकाल से लोगों ने ममी बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी। प्राचीनकाल में शुरू हुई यह प्रक्रिया आज तक जारी है।
बिल्लियों की ममी – ऐसे ही मिस्र की हैरतअंगेज जानकारी जानने के लिए अगले अंक का इंतजार करें।
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