आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस – आपने कई बार आर्टिफ़िशियल इंटेलिजैंस शब्द अखबार या टीवी पर पढ़ा या सुना होगा।
आज के समय में यह शब्द सबसे ज्यादा प्रचलित है क्योंकि ये ना केवल हमारे रोज़मर्रा की जिंदगी में उपयोग होता है बल्कि बड़े-बड़े उद्योगों तक इसका चलन बढ़ रहा है।
तो अगर आप इस लाइन में करियर बनाना चाहते हैं तो इसके बारे में कुछ बातें जरूर जान लें :
तीन प्रकार की होती है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (ए.आई)
1 – विक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस :
इस प्रकार की एआई होती है जो केवल एक ही कार्य अच्छे से कर सकती हो। जैसे कि यदि आपका कम्प्यूटर केवल चैस गेम खेलता है तो वह सिर्फ वही कार्य करने में सक्षम होता है। इसके अलावा और कुछ नहीं कर सकता। तो वो डिवाइस जो केवल एक ही कार्य कर सकते हों उसे आर्टिफिशियल नेरो इंटेलिजेंस कहते हैं।
2 – स्ट्रांग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस :
इंसान के दिमाग को समझना बेहद मुशकिल होता है, क्योंकि इंसान के पास कई प्रकार के कॉमन सेंस होते हैं। जिन डिवाइसों का दिमाग लगभग इंसानी दिमाग जितना काम कर सकता है उन्हें आर्टिफिशियल वाइड इंटेलिजेंस कहते हैं।
3 – सिंगुलेरिटी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस :
साइंटिस्ट अभी इस लेवल तक नही पहुंचे हैं। यह ऐसा समय होगा जब रोबोट का इंटेलिजेंसी लेवल इंसान के बराबर हो जाएगा। इस लेवल को सक्षम बनाने में अभी भी कई वैज्ञानिक लगे हुए हैं।
शैक्षणिक योग्यता
अगर आप आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में करियर बनाना चाहते हैं तो आप गणित में सबसे अच्छे होने चाहिए। नॉन-मेडिकल वाले छात्र इस क्षेत्र में जा सकते हैं। मेडिकल वाले छात्र भी इस क्षेत्र में ट्राई कर सकते हैं। अगर उनके पास साइकोलॉजी का ज्ञान है तो इन सभी के साथ-साथ प्रोग्रामिंग लैंग्वेज जावा और सी प्लस प्ल्स का ज्ञान होना भी जरुरी है।
जॉब रोल्स
- गेम प्रोग्रामर
- रोबोटिक्स साइंटिस्ट
- कम्प्यूटर साइंटिस्ट
- साफ्टवेयर इंजीनियर
भारत में इस कोर्स के प्रमुख विश्वविद्यालय :
आईआईएससी, बैंगलोर
आईआईटी, बाम्बे
आईआईटी, खरगपुर
आईआईआईटी, हैदराबाद
आईआईटी, मद्रास
ये है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के कोर्स की माहिती – अब आप भी बड़ी आसानी से इस जानकार की सहायता से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का कोर्स कर सकते हैं।