करियर बर्नआउट – एक आम धारणा तो यही है कि स्कूल खत्म होने के बाद किसी टॉप कॉलेज का चुनाव कर लो तो बढ़िया जॉब मिल जाती है और फिर बस लाइफ सेट हो जाती है। लेकिन जॉब की लाइन में घुसते ही समझ आता है कि ये बचपन का सच तो एकदम झूठ निकला।
बेशक पहली जॉब करियर बनाने में बहुत अहम भूमिका निभाती है। मगर ये अपने साथ कई तरह की चुनौतियां भी लेकर आती है। ऐसा कम ही होता है कि किसी कर्मचारी को अपनी कंपनी के बारे में सभी बातें पसंद हो। बॉस या काम से शिकायतें तो सभी को होती है। फिर एक वक्त ऐसा भी आता है, जब उस कंपनी में एक दिन बिताना भी मुश्किल हो जाता है।
यदि आपके साथ भी ऐसा कुछ हो रहा है तो बता दे कि ये बहुत आम बात है और इस स्थिति को ‘करियर बर्नआउट’ या ‘जॉब बर्नआउट’ के नाम से जाना जाता है।
‘करियर बर्नआउट’ एक तरह का तनाव होता है, जिसमें कोई कर्मचारी शारीरिक, मानसिक व भावनात्मक रूप से थका हुआ महसूस करता है। उसे अपनी क्षमता व काम की गुणवत्ता पर संदेह होने लगता है। ‘करियर बर्नआउट’ की स्थिति में मानसिक के साथ ही शारीरिक पीड़ा भी झेलनी पड़ती है। करियर बर्नआउट की वजह से तनाव व डिप्रेशन के साथ ही कमजोरी, डायबिटीज, दिल की बीमारी, स्ट्रोक, मोटापा व बार-बार बीमार पड़ना जैसी समस्याएं हो जाती है।
साइकोलॉजिस्ट के अनुसार ‘करियर बर्नआउट’ की स्थिति में आमतौर ये पांच लक्षण दिखाई देते हैं।
- थकान व अनिद्रा
विशेषज्ञों के अनुसार काम करने के बाद किसी भी कर्मचारी में ऊर्जा का संचार व काम पूरा हो जाने की खुशी होना चाहिए। लेकिन आप काम की वजह से ठीक से सो नहीं पा रहे हैं तो यह ‘करियर बर्नआउट’ की ओर इशारा करता है।
- सहयोग ना मिलना
यदि किसी कर्मचारी को कार्यस्थल पर सहयोगियों से मदद नहीं मिल रही है या यहां का मैनेजमेंट खराब है तो उसके ‘करियर बर्नआउट’ की स्थिति में जाने की आशंका है। वही लगातार देर तक काम करने वाले लोग असल में अपना नुकसान ही कर रहे होते हैं।
- लाइफस्टाइल में खलल
विशेषज्ञों के अनुसार वर्कोहॉलिक होना ‘करियर बर्नआउट’ के खतरे को बढ़ाता है। यदि काम की वजह से किसी कर्मचारी की लाइफस्टाइल बिगड़ रही है या वर्क-लाइफ बैलेंस नहीं हो रहा है तो वो करियर बर्नआउट को महसूस कर सकता है।
- परफेक्शन की चाह
यदि आपको हमेशा परफेक्शन की चाहत रहती है और काम ठीक तरीके से नहीं होने पर तनावग्रस्त हो जाते हैं तो आप करियर बर्नआउट के शिकार हो सकते हैं। इस ऐटीट्यूड की वजह से उल्टा काम बिगड़ता ही है।
- खुद के लिए वक्त ना मिलना
कुछ लोगों को लगता है कि काम ही सबकुछ होता है। ऐसे में वो दोस्तों-परिवार या अपनी हॉबीज के लिए वक्त ही नहीं निकालते हैं। मगर इस वजह से धीरे-धीरे नीरसता आने लगती है और काम के प्रति रूचि कम होने लगती है।
6. ऐसे संभाले खुद को
‘करियर बर्नआउट’ से निकलने के कई उपाय हो सकते हैं। जॉब बदलने का निर्णय लेने से पहले समस्या जड़ का पता लगा लेना चाहिए। जिसके हिसाब से आप सुपरवाइजर से सलाह लेना, अपने बर्ताव को बदलना, ब्रेक लेना या एक अच्छी नींद ले लेना जैसे विकल्पों पर भी गौर कर सकते हैं।
ये थी ‘करियर बर्नआउट’ से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी। आपको पसंद आई हो तो इसे शेयर जरूर कीजिएगा।