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यहां अनाज की नहीं बल्कि होती है कारों की खेती !

कारों की खेती

खेती करना काफी मेहनत का काम है.

जब एक किसान दिन रात अपने खेत में कड़ी मेहनत करता है तब जाकर फसल तैयार होती है.

आपने दाल, चावल, गेहूं और तरह-तरह की सब्जियों की खेती होते हुए देखी होगी.

लेकिन आज हम आपको एक अनोखे खेत के बारे में बताने जा रहे हैं. जहां न तो अनाज उगता है और न ही सब्जियां उगती हैं. यहां सिर्फ और सिर्फ अलग-अलग तरह के कारों की खेती की जाती है.

कारों की खेती –

यहां होती है कारों की खेती

अमेरिका के नेवादा में गोल्डफील्ड नाम की एक पहाड़ी जगह मौजूद है, जहां एक शख्स ने कारों की खेती करनी शुरू कर दी. यह शख्स बेकार कारों का इस तरह से सदुपयोग करता है कि देखनेवाला देखता ही रह जाए.

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2011 में शुरू हुई कारों की खेती

बताया जाता है कि साल 2011 में माइकल मार्क रिप्पी नाम के एक शख्स ने इस जमीन पर कारों को रखने का काम किया. आगे चलकर उनके इस काम में कैड सॉर्ग नाम के एक शख्स ने मदद का हाथ बढ़ाया.

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40 से भी ज्यादा कारें हैं मौजूद

बेकार कारों से भरे इस खेत का नाम ‘द इंटरनेशनल कार फॉरेस्ट ऑफ द लास्ट चर्च’ रखा गया. इस खेत में अब तक 40 से भी ज्यादा छोटी बड़ी कारें और ट्रक रेत में मुंह धंसाएं खड़े नजर आते हैं.

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जमीन के भीतर आधी धंसी हैं कारें

जमीन के भीतर धंसी हुई इन कारों को देखकर ऐसा लगता है जैसे इस जमीन के भीतर से कारों की फसल ऊग आई है. खास बात तो यह है कि इस पूरी जगह पर कहीं भी कोई साइन बोर्ड नहीं लगा है. सिर्फ इस खेती की ओर जाती हुई रोड़ पर एक साइन बोर्ड देखने को मिलता है.

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गाड़ियां बढ़ा रही हैं खेत की रौनक

कारों की इस खेत में सिर्फ गाड़ियां ही नजर आती हैं. रंगबिरंगी गाड़ियों और उनमें मौजूद लाइट्स की वजह से इस खेत की रौनक देखते ही बनती है. लेकिन कारों की इस खेत का यह नजारा रात के वक्त देखने लायक होता है.

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गौरतलब है कि कारों की खेती करने वाले दोनों शख्स एक साथ ज्यादा दिनों तक काम नहीं कर पाए. क्योंकि रिप्पी नाम के जिस शख्स ने ये अनोखी खेती शुरू की थी उसे अवैध रुप से असलहा रखने के आरोप में जेल भेज दिया गया. लेकिन उसके जेल जाने के बावजूद आज भी कारों की ये खेती पहले की तरह की यहां की शोभा बढ़ा रही है.