कैब वाले अंकल – हमारे देश में आज भी अधिकांश बच्चे अपनी गरीबी के चलते पढ़ाई लिखाई से वंचित रह जाते हैं. ये बच्चे चाहकर भी पढ़ नहीं पाते हैं क्योंकि अच्छे स्कूल में पढ़ाई करने के लिए मोटी फीस भरनी पड़ती है.
हालांकि इसी देश में कई ऐसे भले लोग भी रहते हैं जो गरीब बच्चों की पढ़ाई में ना सिर्फ अपना योगदान देते हैं बल्कि आर्थिक तौर पर उनकी मदद भी करते हैं.
आज इस लेख के ज़रिए हम आपको बताने जा रहे हैं 60 साल के एक बुजुर्ग व्यक्ति की प्रेरणादायक कहानी. जो गरीब बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाने के लिए दिनभर कैब चलाते हैं और प्यार से लोग उन्हें कैब वाले अंकल कहकर पुकारते हैं.
सेवानिवृत्त महाप्रबंधक हैं कैब वाले अंकल
दरअसल कैब वाले अंकल भारत के सबसे बड़े सार्वजनिक उपक्रमों में से एक सेवानिवृत्त महाप्रबंधक हैं जबकि उनकी पत्नी दिल्ली के प्रतिष्ठित बिजनेस स्कूल में प्रोफेसर हैं और उनका बेटा मर्चेंट नेवी में एक अधिकारी है.
हालांकि रिटायर होने के बाद इस कैब वाले अंकल को अच्छी खासी पेंशन मिलती है जिससे वो दिल्ली में आरामदायक जीवनशैली का आनंद ले सकते हैं. बावजूद इसके वो दिनभर टैक्सी चलाते हैं क्योंकि उन्हें घर पर बिना काम के बेकार बैठना अच्छा नहीं लगता है.
गरीब बच्चों की पढ़ाई का उठाते हैं खर्च
आपको बता दें कि दिल्ली के इस कैबवाले अंकल को ड्राइविंग काफी पसंद है. सार्वजनिक उपक्रमों में से एक सेवानिवृत्त महाप्रबंधक होने के बावजूद कैब चलाने वाले अंकल ने यह साबित किया है कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता है और हर किसी को सम्मान का समान अधिकार मिलना चाहिए.
कैब चलाकर अंकल जो कुछ भी कमाते हैं, उसे गरीब बच्चों की मदद करने के लिए दान कर देते हैं. वो दिनभर सिर्फ इसलिए कैब चलाते हैं ताकि वो गरीब बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठा सकें. कैब वाले अंकल जिन बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाते हैं वो बेहद गरीब तबके से आते हैं और अपनी पढ़ाई का खर्च वो नहीं उठा सकते.
ऐसे सामने आई यह प्रेरणादायक कहानी
कैबवाले अंकल की ये प्रेरणादायक कहानी दिल्ली में रहनेवाले एक युवा जसतेज सिंह की बदौलत सामने आई है. दरअसल एक दिन अपने कैंपस से छात्रावास जाने के लिए एमबीए के छात्र जसतेज ने कैब बुलाई थी.
हालांकि जसतेज अकेले थे इसलिए वो ड्राइवर अंकल के साथ आगे वाली सीट पर बैठ गए. सफर के दौरान जसतेज अपने कोर्स की एक केस स्टडी में फंसे हुए थे, लेकिन तभी कैब वाले अंकल ने जसतेज की समस्या को चुटकी में सुलझा दिया. जिसकी उम्मीद जसतेज को बिल्कुल भी नहीं थी.
इसके बाद फिर क्या था जसतेज ने पूरे सफर के दौरान कैब वाले अंकल से ढ़ेर सारी बातें की और उनके बारे में बहुत कुछ जाना. इस मुलाकात के बाद जसतेज ने अपना अनुभव अपनी फेसबुक वॉल पर शेयर किया.
बहरहाल भले ही जसतेज की वजह से कैब वाले अंकल की यह प्रेरणादायक कहानी लोगों के सामने आई है, लेकिन गरीब बच्चों की पढ़ाई के लिए कैब वाले अंकल का यह प्रयास वाकई सराहनीय है.