बुलेट ट्रेन – वर्तमान में इंडिया में चलने वाली ट्रेन की अधिकतम स्पीड 160 किमी/घंटा है और जापान की बुलेट ट्रेन की अधिकतम स्पीड 320 किमी/घंटे है जो भारतीय ट्रेन से लगभग तीन गुना अधिक स्पीड से चलती है। स्पीड के बीच के इस अंतर से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि जापान हमसे कितना अधिक आगे है।
किसी भी देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए ट्रेन एक जरूरी माध्यम होता है। इसी कारण तो अंग्रेजों ने भी गुलाम भारत में ट्रेन बनाई। ऐसा उन्होंने केवल अपने लिए किया था और उनकी यही एक चीज भारत के लिए सबसे बड़ा तोहफा मानी जाती है। इसी तोहफे की बदौलत ही तो आज भारत तरक्की के पथ पर अग्रसर है। इस पथ पर और अधिक तेज गति से बढ़ने के लिए ही देश ने बुलेट ट्रेन शुरू करने का फैसला किया है।
2004 में हुई थी चर्चा शुरू
भारत में बुलेट ट्रेन की सबसे पहले चर्चा 2004 में शुरू हुई थी। यह योजना जापान के तर्ज पर भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण के लिए शुरू करने के लिए सोची गई थी। तत्कालीन रेलवे मंत्री लालू प्रसाद यादव ने कम से कम 250 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बुलेट ट्रेन चलाने की घोषणा की थी। फिर सरकारें बदली और चुनाव के घोषणाओं के दौरान हर किसी पार्टी के घोषणापत्र में बुलेट ट्रेन के बारे में चर्चा की गई।
जल्द ही शुरू होगी बुलेट ट्रेन
लेकिन अब जल्द ही इस देश में बुलेट ट्रेन शुरू होने वाली है। इसकी योजना तैयार कर ली गई है। सबसे अच्छी बात है कि यह ट्रेन स्पीड के मामले में ही नहीं बल्कि कई सारी सुविधाओं के मामले में भी काफी आगे है। ये सुविधाएं ही इस ट्रेन को स्पेशल बनाती हैं। सबसे पहली बुलेट-ट्रेन मुंबई-अहमदाबाद के बीच चलाई जाएगी। इस बुलेट ट्रेन में बच्चों को स्तनपान कराने के लिए एक अलग कमरा और ट्रेन में महिलाओं व पुरुषों के लिए अलग-अलग शौचालय होंगे। वहीं, प्रत्येक ट्रेन में बिज़नेस क्लास की 55 सीटें और स्टैंडर्ड क्लास की 695 सीटें होंगी। इसके अलावा ट्रेन में फ्रीज़र, हॉट केस और चाय व कॉफी बनाने की मशीनें भी होंगी।
स्तनपान कराने के लिए अलग से सुविधा
महिलाओं को पब्लिक प्लेज़ में बच्चों को स्तनपान कराने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इस बुलेट ट्रेन में स्तनपान कराने के लिए अलग से कमरे की व्यवस्था की है। जिससे अलग कमरे में जाकर महिलाएं अपने बच्चे को दूध पिला सकेंगी।
इसके अलावा बीमारों के लिए भी हर तरह की सुविधा दी जाएगी। अब तक ट्रेन में बीमारों के लिए किसी तरह की सुविधा नहीं होती है। किसी के बीमार पड़ने पर ट्रेन को रोककर उसे अस्पताल ले जाया जाता है। लेकिन इस ट्रेन के आ जाने के बाद ऐसा नहीं होगा और बीमारों की इसी ट्रेन में सारी सुविधाएं मिलेंगी।
महिला-पुरुष के लिए पहली बार होंगे अलग शौचालय
कई महिलाएं अभी के रेग्युलर ट्रेन में टॉयलेट यूज नहीं करती हैं। इसके दो कारण हैं। पहला, उन्हें पुरुष भी यूज़ करते हैं और दूसरा, ट्रेन के शौचालय काफी गंदे रहते हैं। इस वजह से कई महिलाएं ट्रेन में कभी शौचायल यूज़ नहीं करती हैं। लेकिन बुलेट ट्रेन में महिला-पुरुष के लिए अलग-अलग शौचालय होंगे। भारतीय रेलवे में ये सुविधाएं यात्रियों को पहली बार दी जाएंगी। सभी ट्रेनों में 55 सीटें बिजनेस क्लास और 695 सीटें स्टैंडर्ड क्लास के लिए आरक्षित होंगी। ट्रेन में यात्रियों को सामान रखने के लिए भी जगह दी जाएगी।
होगा बेबी चेंजिंग रुम की सुविधा
इस ट्रेन में बेबी चेंजिंग रूम की भी सुविधा दी जाएगी, जिसमें बेबी टॉयलेट सीट, डायपर डिस्पोजल और बच्चों के हाथ धोने के लिए कम ऊंचाई के सिंक लगे होंगे। व्हीलचेयर वाले यात्रियों के लिए ज़्यादा जगह वाले टॉयलेट की सुविधा दी जाएगी।
इसमें ‘वॉल माउंटेड टाईप यूरिनल’ की सुविधा दी जाएगी। डिब्बों में बढ़िया आरामदायक घूमने वाली सीट होगी। इसके अलावा इस ट्रेन के बिजनेस क्लास में फ्रीजर, हॉट केस, पानी उबालने की सुविधा, चाय और कॉफी बनाने की मशीन और हैंड टॉवल वार्मर की सुविधा दी जाएगी।
समुद्र के अंदर चलाई जाएगी ट्रेन
यह ट्रेन समुद्र के अंदर भी चलेगी। मुंबई से अहमदाबाद के बीच चलने वाली इस ट्रेन के लिए इस रास्ते में कॉरिडोर बनाया जाएगा जिसका अधिकतर हिस्सा एलिवेटेड होगा, जिसमें ठाणे से विरार तक 21 किलोमीटर अंडर ग्राउंड कॉरीडोर होगा। जिसमें से सात किलोमीटर का कॉरीडोर समुद्र के अंदर बनाया जाएगा और यह ट्रेन समुद्र के अंदर का रास्ता भी तय करेगी।
हर भारतीय को है इंतजार
इस ट्रेन के शुरू हो जाने के बाद भारत में एक नई क्रांति आ जाएगी। जिसके कारण हर भारतीय को इस ट्रेन के शुरू होने का इंतजार है।
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