इमारतें जो महिलाओं ने बनाई – भारत सदियों से ही एक पुरुष प्रधान देश रहा है किंतु फिर भी महिलाओं ने भारत के लिए अपना भरपूर योगदान दिया है।
आप यह तो जानते ही होंगें की ताजमहल का निर्माण एक पुरूष शासक ने करवाया था लेकिन उसका असली कारण तो एक महिला ही थी। शायद काफी कम लोगों को ये पता होगा कि ताजमहल के अलावा भी भारत के इतिहास में महिलाओं द्वारा कई स्मारक और इमारतों का निर्माण हुआ है।
आज हम आपको बताएँगे इमारतें जो महिलाओं ने बनाई – उन स्मारकों एवं उनका निर्माण करने वाली महिलाओं से रूबरू करवाते हैं।
इमारतें जो महिलाओं ने बनाई
1 – इतमाद उद दौला, आगरा
यमुना किनारे ये अद्भुत मकबरा नूरजहां द्वारा अपने पिता मिर्ज़ा गियास बेग को श्रद्धांजलि देने हेतु बनवाया गया था। बेहद सुंदर और कोमलता से बनाए गये इस मकबरे में स्त्रीय अनुभूति होती है।
2 – विरुपाक्ष मंदिर,पट्टदकल
यह मंदिर हम्पी में स्थापित है और रानी लोकमहादेवी ने अपने पति राजा विक्रमादित्य द्वितीय की विजय उपलक्ष्य में बनवाया था। यह मंदिर, रानी लोकमहादेवी के द्वारा स्थापित किये जाने के कारण ऐश्वर्यशाली, अद्भुत है एवं इसे लोकेश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर की स्थापना 720 ई.सी में हुई थी।
3 – हुमायुं का मकबरा, दिल्ली
हुमायुं का मकबरा भारत में बना पहला मकबरा है। इस मकबरे को हुमायुं की बेगम हमीदा बानु उर्फ हाजी बेगम ने बनवाया था। हुमायुं के मकबरे का निर्माण भारतीय और पारसी दोनों ही शिल्पकारों द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था। यह भवन कला का पहला ऐसा नमूना है जिसमें पारसी गुम्बद का प्रयोग किया गया है।
4 – रानी का वाव, पाटन
रानी का वाव बावड़ी एक प्रकार की जल प्राप्ति और संचय का साधन है। इसका निर्माण सोलंकी राजवंश की रानी उद्मयती द्वारा 11वीं शताब्दी में अपने पति राजा भीमदेव प्रथम के लिए करवाया था। रानी का वाव में 500 मुख्य मूर्तियां हैं और वहां कुल सात सीढ़ियों के स्तर हैं।
5 – ख्या्र अल-मंजिल, दिल्ली
दिल्लीर के पुराने किले के सामने दो मंजिला इमारत ख्या्र अल-मंजिल का निर्माण 1561 में माहम अंगा द्वारा करवाया गया था। माहम अंगा बादशाह अंकबर की सबसे शक्तिाशाली परिचालिका थीं।
तो यह थी इमारतें जो महिलाओं ने बनाई – वो भव्य स्मारक जिनका निर्माण भारत में महिलाओं द्वारा करवाया गया था। लेकिन इन्हें आज दुनिया पूरी तरह से भुला चुकी है। यह भव्य इमारतें एहसास दिलाती हैं कि महिलाओं का भी भारतीय इतिहास में कितना बडा योगदान रहा है।