बग बाउंटी प्रोग्राम – गलतियां ढूंढो, पैसे कमाओ.
जी हाँ, दोस्तों आज हम यहां जिस बात की चर्चा कर रहे हैं, उसकी कल्पना करना भी हर किसी के बस की बात नहीं.
आज के इंटरनेट के युग में पैसे कमाने के हजारों तरीके हमारे सामने हैं. उसके लिए जरूरत है हुनर और लगन की. फिर चाहे हुनर कोई भी हो.
सोशल मीडिया साइट्स तकनीकी गलतियां निकालने मतलब बग ढूंढने वालों को मोटी रकम देने का काम कर रही हैं. आज हम आपको भारत के ऐसे ही तीन युवा के बारे में बता रहे हैं, जिसने बग ढुंढने के अपने हुनर से लाखों की कमाई की है.
1 – आनंद प्रकाश
राजस्थान की धार तहसील के रहने वाले हैं आनंद प्रकाश. बग बाउंटी प्रोग्राम के अंतर्गत आनंद को Facebook ने एक बग ढूंढने के लिए 15 डॉलर (लगभग 10 लाख) रुपए का इनाम दिया. बता दें कि आनंद ने बग ढूंढने का ये कारनामा इससे पहले भी किया है. पिछले 3 सालों में उसने Facebook को 90 गलतियों से रूबरू कराया.
आनंद इस समय फ्लिपकार्ट में बतौर सिक्योरिटी विशेषज्ञ का काम कर रहे हैं. उसने सोशल साइट्स पर बग ढूंढने का काम तब शुरु किया, जब वो बी. टेक की पढ़ाई के अंतिम दिनों में नौकरी की तलाश कर रहे थे. एक समाचार वेबसाइट से बातचीत के दौरान आनंद ने बताया कि, उन्हें Facebook के बग बाउंटी प्रोग्राम का पता चला था. इस प्रोग्राम के जरिए Facebook दुनिया भर के हैकरों को प्रोग्राम या वेबसाइट हैक करने का निमंत्रण दीया करती है. कंपनी चाहती है कि हैकर उस कंपनी की प्रोग्रामिंग में गलतियां ढूंढे. जिसके बदले Facebook उन्हें इनाम के तौर पर बड़ी धनराशि देती है.
अलग-अलग वेबसाइटों के बग ढूंढने के शौकीन आनंद ने अब तक एक करोड़ से भी ज्यादा की रकम कमा ली है.
इस काम को करने से पहले आनंद ने इंटरनेट के जरिए हैकिंग के बारे में काफी जानकारियां जुटाई.
और फिर शुरू किया बग ढूंढने का काम. आनंद की उम्र सिर्फ 23 साल है. उसे Facebook पर पहला बग ढूंढने में लगभग 1 महीने का समय लगा था. आनंद कहते हैं कि इस वग के कारण कोई यूजर ऑफ लाइन होने के बाद भी अन्य यूजर्स को ऑनलाइन दिखता था. इसको ढूंढने के लिए Facebook ने आनंद को 33,000 रू. इनाम में दिए थे. और आगे भी बग ढूंढते रहने का आग्रह किया.
इसके बाद आनंद के बग ढूंढने का यह सिलसिला बढ़ता चला गया और उसने एक बड़ा बग ढूंढ निकाला, जिसके लिए आनंद को 10 लाख रुपए का इनाम दिया गया. आनंद का कहना है कि इस बग के कारण कोई हैकर फेसबुक यूजर के फोटो, डेबिट कार्ड और प्राइवेट मैसेज से जुड़ी जानकारियाँ आसानी से हासिल कर सकता था.
बता दें कि आनंद कई नामी वेबसाइटों पर बग ढूंढने का काम करते हैं और अपने इसी हुनर की बदौलत अब तक उसने 1.2 करोड़ से भी ज्यादा की कमाई की है.
गौरतलब है कि Facebook हर साल बग ढूंढने के मामले में एक सूची जारी करता है. इसमें वह एथिकल हैकर की रैंकिंग किया करता है. साल 2013 मैं जो सूची जारी किया गया था, उसमें आनंद का तीसरा स्थान था.
2 – अरुण कुमार
आनंद की तरह हीं कुमार बिन्नी बग ढूंढने का काम करते हैं और लाखों की कमाई करते हैं. अरुण कुमार तमिलनाडु के सेलम जिले में रहने वाले की उम्र 24 साल है.
2013 में उन्होंने facebook पर एक बड़ा बग ढूंढा था. जिसके लिए facebook की तरफ से उन्हे 8 लाख रुपए का इनाम दिया गया था. अरुण का कहना है कि इस बग के कारण किसी भी यूजर के अकाउंट पर अपलोड की गई फोटो कोई दूसरा यूजर अपने अकाउंट से आसानी से डिलीट कर सकता था.
Facebook से मिली इस नाम राशि से अरुण ने अपने पिता की मदद की. उनके पिता कस्बे में हीं एक दुकान चलाने का काम करते थे. इसके बाद भी अरुल अतुल बग ढूंढने का काम करते रहे हैं, और उन्होंने भी अपने इस हुनर से काफी कैसे कमाए.
3 – त्रिशनीत अरोड़ा
नामी कंपनियों की वेबसाइट में गलतियों को गिना कर करोड़ों की कमाई करने वाले की सूची में शामिल हैं 22 साल के त्रिशनीत अरोड़ा. लुधियाना के रहनेवाले त्रिशनीत ‘टीएस सिक्योरिटी सेल्यूशन’ नामक कंपनी में सीईओ हैं. तृशनीत की ये कंपनी दुनिया भर की दूसरी कंपनियों को साइबर सुरक्षा मुहैया कराने का काम करती है.
साइबर सुरक्षा पर किताबें भी लिखी और साथ ही उन्होंने क्राइम ब्रांच के कई अधिकारियों, आईपीएस, सीबीआई और बैंक कर्मचारियों को भी प्रशिक्षण देने का काम किया है.
इन तीन युवाओं के अलावा भारत में ऐसे सैंकड़ों युवा हैं, जो अपने हुनर के बल पर घर बैठे लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं.
Facebook से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि कंपनी ने 2011 में बग बाउंटी प्रोग्राम शुरू किया, जिसके तहत बग ढूंढने वालों को अब तक 30 करोड़ रुपए की ईनाम राशि दी जा चुकी है. कंपनी के अनुसार इस प्रोग्राम के जरिए अब तक भारतीय हैकरों ने सबसे ज्यादा बग ढूंढने का काम किया है.
तो दोस्तों अगर आप भी करना चाहते हैं लाखों, करोड़ो और अरबों की कमाई, तो अपने हुनर को पहचानिए और उसे साबित करने में लग जाइए.
कहते हैं कामयाबी के पीछे कभी नहीं भागना चाहिए, बल्कि काबिल बनने से कामयाबी आपके पीछे झक मारकर आती है.