आपके घर में अक्सर ब्रेड और पांव आते होंगे.
सुबह का नाश्ते से लेकर शाम के नाश्ते तक आप और आपके बच्चे ना जाने कितनी बार ब्रेड और पांव खाते होंगे.
आपको भी लगता होगा कि चलो कोई बात नहीं, बेटा बटर लगाकर ब्रेड ही तो खा रहा है.
चलिए इसको छोड़िये और यह देखिये कि कई बार तो माँ-बाप ही अपने छोटे-छोटे बच्चों को बचपन से ब्रेड ही खिलाते हैं. ब्रेड जिसे डबल रोटी भी बोला जाता है. इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह जल्द बच्चों-बड़ों का पेट भर देती है और इसको खाने के बाद काफी समय तक भूख नहीं लगती है.
अब जरा पाव की बात करें तो आजकल बर्गर और वडा के साथ यह खूब फेमस हो रहा है. आराम से बैठकर हम बर्गर खाते हैं और तब खुद को विकसित समझते हैं.
अब जरा घर की बनाई दो दिन की पुरानी रोटी खा लीजिये
अब आपसे कोई यह बोल दे कि घर में रखी दो दिन पुरानी रोटी खा लीजिये तो तब आप गुस्से से लाल पीले हो जायेंगे लेकिन यह रोटी नहीं खायेंगे. लेकिन आपको आज हम बता दें कि जो आप ब्रेड और पाव खा रहे हैं वह तो कम से कम 5 से 6 दिन पुराना सामान होता है और कई बार तो सप्ताह भर पुराने आटे से ब्रेड और पाव का निर्माण हो रहा है.
पढ़ाई लिखाई के इस दौर में पढ़े लिखे अनपढ़ लोगों की संख्या अधिक होती जा रही है.
हम दुकान पर जाते हैं और एक्सपायर डेट देखकर ब्रेड ले आते हैं. अब एक बात का जवाब आप दीजिये कि जो ब्रेड बचती हैं आखिर वह कहाँ जाती हैं? कम्पनी के पास इस बात का जवाब होगा, इसकी उम्मीद उनसे आप मत कीजिये. वह बोलेंगे कि जानवरों को खिला दी जाती हैं. तो क्या आपको लगता है कि यह बहुराष्ट्रीय कम्पनियां ऐसा कर सकती हैं. असल में सच यह है कि वह आपके पास लौटकर वापस आ जाती हैं.
बिमारियों का घर हैं ब्रेड
जो लोग ब्रेड और पांव का उपयोग बहुत ज्यादा करते हैं, उन लोगों को बीमारियाँ भी उतनी ज्यादा होती हैं. ब्रेड और पांव खाने से मोटापा बढ़ता है. शुगर के मरीज के लिए तो ब्रेड जहर है. दिल की बीमारियों का डर ब्रेड खाने से बढ़ जाता है.
गेहूं वाली ब्रेड भी बेकार है क्या?
तो इसका जवाब हां है. आपको अगर लगता है कि कम्पनियां आपके लिए अच्छा गेहूं खरीदती हैं तो यह आपकी बेवकूफी है. सबसे खराब क्वालिटी का गेंहू ब्रेड बनाने में उपयोग किया जाता है. साथ ही साथ जिस तरह से यहाँ आटा गूंथा जाता है, उसको बताने पर तो बड़ा हंगामा हो जाने के चांस हैं.
क्या ब्रेड एक भारतीय खाना है?
आपको अगर ऐसा लगता है कि ब्रेड एक भारतीय खाना है तो आप गलत सोच रहे हैं.
ब्रेड जैसी चीजें और पाव, यह सब यूरोप का खाना है. ब्रेड उन देशों का भोजन है जहाँ सालभर सर्दी रहती है और बहुत अधिक सर्दी रहती है. तापमान इतना कम होता है कि पानी की बर्फ बनी होती है. तब यहाँ पर आटा गुथने के लिए भी पानी नहीं होता है और इसलिए यहाँ एक बार में ही आटा बनाकर ब्रेड बना दी जाती है.
ये लोग दिन में दो बार ही खाते हैं इसलिए ब्रेड पेट में जाकर फूल जाती हैं और कई घंटों में पचती हैं. इससे इन लोगों को भूख कम लगती है. आटे को सड़ाकर जब ब्रेड बनती है तो यह इन देशों में कई दिनों तक रखी रहती हैं. सर्दी इतनी कि यह खराब नहीं होती हैं और ठंडे लोगों के पेट में जाकर रखी रहती हैं.
वहीँ भारतीय वातावरण के अनुसार ब्रेड जहर का काम करती है.
यहाँ तापमान इतना नहीं होता है कि आप आटा ना गुंथ सको. साथ ही साथ ब्रेड इतने गर्म देश के लोगों के लिए अत्यधिक नुकसानदायक होती है. कई दिनों तक यह पेट में पड़ी रहती हैं. पेट में पड़ी-पड़ी बदबू देने लगती हैं.
तो अब आप इस बात का निर्धारण आप कीजिये कि आपको अब भी क्या यह जहर खाना है?
तो सच यही है जो हमने आपको बता दिया है बाकी जीवन आपका है और यह शरीर भी आपका है, आप जो चाहे इसके साथ कर सकते हैं.