मुंबई पुलिस दुनिया की सबसे सशक्त पुलिस बलों में से एक है.
कड़ी मेहनत और प्रशिक्षण को प्राप्त कर ही मुंबई पुलिस में अफसर भरती किए जाते हैं. चाहे वह किसी भी तरह का मसला हो, मुंबई पुलिस उसके तह तक जाने में विश्वास रखती है. 26/11 के हमले या फिर कोई भी आपदा, मुंबई पुलिस के सामने किसी की एक भी नहीं चलती.
हम आपके सामने कुछ ऐसे पुलिस अफसरों के नाम पेश करनेवाले हैं जिन्होंने पुलिस आलोचकों के मुह पर चुप्पी बिछा दी और मुंबई पुलिस का सिर गर्व से ऊपर उठा दिया.
आफताब अहमद खान.
ATS का नेतृत्व करते हुए लोखंडवाला शूटआउट में माया डोलस और दिलीप बुवा जैसे अपराधियों को जड़ से मिटाने में इनका सबसे बड़ा हाथ रहा है. यह अगर ना होते तो शायद आज भी मुंबई, डोलस और बुवा जैसे अपराधियों के डर से सहमा रहता.
तुकाराम ओम्ब्ले.
तुकाराम ओम्ब्ले वे व्यक्ति हैं जिन्होंने मुंबई में हुए 26/11 के हमलावरों में से एक, अजमल कसाब को ज़िंदा धर दबोचा. यह बहुत दुःख की बात है कि वे कसाब से हुई आपसी मुतभेड में मारे गए, लेकिन एक बात ध्यान में रखिए, वे देश के लिए शहीद हुए!
हेमंत करकरे.
26/11 से सम्बंधित एक और नाम. दरअसल हेमंत करकरे केवल एक नाम नहीं, वे मुंबई पुलिस के प्रतीक बन गए हैं. 26/11 के हमलों के दौरान, ATS के चीफ हेमंत करकरे की, सीने में 3 बार गोली लगने से मौत हो गई. उनकी मौत के बाद उनके परिवार को अशोक चक्र देकर उनकी शहादत का सम्मान किया गया.
विजय सालस्कर.
विजय सालस्कर मुंबई पुलिस के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट थे. 26/11 के हमलों के दौरान, अजमल कसाब द्वारा चलाई गई बन्दूक से गोली लगने पर उनकी मौत हो गई. उनकी वीरता को मद्दे नज़र रखते हुए, उन्हें अशोक चक्र देकर, भारतीय सरकार ने उनको सम्मानित किया.
अशोक काम्टे.
मुंबई पुलिस के एडिशनल कमिश्नर रह चुके अशोक काम्टे 26/11 के आतंकी हमलों में मारे गए थे. उन्होंने मुंबई पुलिस की बहादुरी का बेजोड़ नमूना सबके सामने पेश किया और अशोक चक्र प्राप्त कर एक वीर कहलाए गए.
वसंत ढोबले.
वसंत ढोबले मुंबई पुलिस के सबसे हिम्मतवाले अफसरों में से एक रहे हैं. बार, पब और अन्य ऐसी जगहों को निर्धारित समय पर बंद ना करनेवालों के लिए उनका वहाँ मौजूद होना, स्वयं एक दंड था. उनके प्रशंसक कहते हैं कि वे सबसे प्रभावशाली पुलिस अफसरों में से एक हैं.
हसन गफूर.
सय्यद मजीदुल्लाह के बाद मुंबई पुलिस के दूसरे मुस्लिम चीफ, हसन गफूर का नाम ही अपराधियों के लिए काफी था. वे एक IPS अफसर भी थे. 2012 में हुई उनकी मौत, मुंबई पुलिस के लिए एक बहुत बड़ा धक्का था.
हिमांशु रॉय.
मुंबई पुलिस के जूनियर कमिश्नर हिमांशु रॉय को देखने भर से ही आपको लगेगा कि भई पुलिसवाला हो तो ऐसा. एक IPS अफसर, नासिक के सबसे युवा SP(1995), नासिक के पुलिस कमिश्नर और अंत में मुंबई के जूनियर कमिश्नर. हिमांशु रॉय की ये उपलब्धियां इस बात का सबूत हैं कि वे एक कुशल पुलिस अफसर हैं.
जब-जब लोगों ने मुंबई पुलिस पर सवाल उठाए हैं, तब-तब ऐसे अफसर आगे बढे, और लोगों को जताया कि वे उनकी सेवा के लिए मौजूद हैं.
ऐसे अफसरों की बदौलत ही हम मुंबई वासी दिन में लगन से काम और रात में चैन की नींद पाते हैं.
हम और अफसरों को इस सूची में शामिल करने वाले थे लेकिन समय की पाबंदी और कुछ और वजहों के कारण नहीं कर पाए.
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