ब्राह्मण लोग प्याज़ और लहुसन नहीं खाते हैं, ये बात हम सभी जानते हैं, लेकिन इसके पीछे का कारण शायद ही आप जानते होंगे।
आपको बता दें कि कुछ लोग धार्मिक मान्यताओं के चलते तो कुछ वैज्ञानिक कारणों से लहुसन और प्याज का सेवन नहीं करते हैं। हालांकि कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इन सभी कारणों को निरर्थक ठहराते हुए, प्याज और लहुसन के सेवन में कोई बुराई नहीं समझते हैं।
ब्राह्मणों के प्याज और लहुसन से परहेज करने के पीछे कईं वजहे हैं। जिनमें अलग-अलग लोगों के अलग तर्क-वितर्क और मत हैं।
खाद्य पदार्थों का अलग-अलग प्रकार से वर्गीकरण किया जाता है। इन्हे सात्विक, राजसिक और तामसिक तीन श्रेणियों में बांटा जाता है। सात्विक खाने को अच्छाई, राजसिक और जोश और तामसिक को अज्ञान वाले खाने की संज्ञा दी गई है। ऐसा माना जाता है कि सात्विक भोजन करने से शांति, संयम, पवित्रता और मन की शांति जैसे गुण विकसित होते हैं तो वही राजसी भोजन जोश और खुशी को बढ़ाता है और तामसिक भोजन क्रोध, अहंकार और विनाशक प्रवृत्ति को उत्पन्न करता है।
ये भी एक कारण है जिसके चलते ब्राह्मण लोग लहुसन और प्याज नहीं खाते हैं। इस खाद्य पदार्थों को अशुध्द खाने की श्रेणी में रखा जाता है। कहा जाता है कि प्याज, लहुसन, मीट, मशरूम को खाने से दिल और दिमाग में अशुध्द भावनाएं जन्म लेती हैं, और ब्राह्मण पूजा और पाठ के कार्य करते हैं जिसके लिए उनके मन में शुध्द भावनाओं का बने रहना बहुत ज़रूरी है। इसलिए ब्राह्मणों के लिए इन्हे खाना वर्जित है।
इस प्रकार के खाने को खाने से मन में पवित्रता की भावना समाप्त होती है जो कि पूजा-पाठ के कार्यों के लिए अनिवार्य है, इसलिए ब्राह्मण प्याज और लहुसन नहीं खाते हैं। प्याज और लहुसन ज़मीन के अंदर उत्पन्न होते हैं और हिंदू धर्म में, रोगाणुओं की हत्या भी निषिध्द है, इसलिए प्याज और लहुसन से बना खाना ब्राह्मण भोज में नहीं आता है।
सनातन धर्म के अनुसार, इस प्रकार के भोजन से अध्यात्मिकता के मार्ग पर चलने में परेशानी होती है और मन भटकने लगता है। लहुसन और प्याज से युक्त खाना दिमाग में कईं प्रकार के भ्रमित विचारों को जन्म देता है जो सद्मार्ग में बाधा डालते हैं।
वैसे, ये बातें मान्यताओं पर आधारित हैं लेकिन आज के आधुनिक वक्त में बहुत ही कम लोग इन परम्पराओं को जानते और मानते हैं। आमतौर पर अब लोग इसे अंधविश्वास की संज्ञा देते हैं।
हम भी यही कहते हैं कि इन बातों को मानना या ना मानना पूरी तरह से आप पर निर्भर करता है। ब्राह्मणों के प्याज और लहुसन ना खाने के पीछे जो कारण छिपे हैं ये सिर्फ उनका संक्षिप्त विवरण है।