आपने पौराणिक कथाओं में सुना होगा कि ब्राह्मण वर्ग के पुरुष हमेशा अपने सिर पर चोटी रखते थे.
लेकिन आज के इस दौर में भी आपने ब्राह्मण वर्ग के कई पुरुषों के सिर पर चोटी देखी होगी. ब्राह्मण की चोटी को देखकर मन में ये सवाल तो आया ही होगा कि आखिर वो लोग अपने सिर पर चोटी क्यों रखते हैं और इसके पीछे क्या कारण हो सकता है.
आज हम आपको बताएंगे ब्राह्मण की चोटी या शिखा के बारे में.
ब्राह्मण की चोटी – ब्राह्मणों के सिर पर क्यों होती है चोटी ?
1 – परंपरा के मुताबिक हिंदु ब्राह्मण जब छोटे बच्चों को दीक्षा देते हैं या संस्कारित करते हैं तो उनके सिर के बाकी के बाल उतरवाकर एक चुटिया छोड़ देते हैं. ब्राह्मण के बच्चे साधना से पहले अपनी चोटी को पकड़कर उसे घुमाते, मोड़ते और खींचते हैं. सिर की चोटी को बांधने से पहले वो उस बिंदु पर पर्याप्त जोर डालते हैं.
2 – पहले सभी ब्राह्मण हर दिन अपने बाल पकड़ कर खींचते थे. रोज़ाना साधना से पहले वो चुटिया को खींचकर कसकर बांधते थे. माना जाता है कि ऐसा करने से साधना बेहतर होती थी और परमात्मा के प्रति गहरी भावना उतपन्न होती थी.
3 – ब्राह्मण पुरुषों के सिर पर चोटी रखने का सबसे बड़ा कारण सुषुम्ना नाड़ी को बताया जाता है. कहा जाता है कि चोटी के ठीक नीचे ये नाड़ी होती है, जो कपाल तंत्र की दूसरी खुली जगहों की अपेक्षा ज्यादा संवेदनशील भी होती है.
4 – कहते हैं कि सिर पर चोटी रखकर आसानी से ताप को नियंत्रित किया जा सकता है. यही वजह है कि प्राचीन काल से ही सिर पर चोटी रखने का प्रचलन है.
5 – शरीर के पांच चक्र होते हैं, जिसमें से एक सहस्त्रार चक्र है, जो सिर के बीचो-बीच में होता है. इस जगह पर चोटी रखने से यह चक्र जाग्रत होता है इसके साथ ही बुद्धि और मन भी नियंत्रित रहता है.
6 – ये बात बहुत कम लोग ही जानते हैं कि सिर के जिस भाग पर चोटी रखी जाती है वह स्थान बौद्धिक क्षमता, बुद्धिमता और शरीर के विभिन्न अंगों को नियंत्रित करता है. इसके साथ ही मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को सुचारू रखने में सहायक सिद्ध होता है.
7 – सिर पर चोटी रखने से मनुष्य योगासनों को भी सही तरीके से कर पाता है. इसकी सहायता से आंखों की रोशनी भी सही रहती है और वह शारीरिक रूप से सक्रिय रहता है.
8 – सिर की चोटी को कसकर बांधने की वजह से मस्तिष्क में दबाव बनता है और रक्त का संचार सही तरीके से होता है.
9 – आधुनिकता की वजह से आजकल ज्यादातर ब्राह्मण सिर पर बहुत छोटी सी चोटी रख लेते हैं, जबकि शास्त्रों के मुताबिक ये बताया गया है कि चोटी की लंबाई और आकार गाय के पैर के खुर के बराबर होनी चाहिए.
10 – आजकल के लोग सिर पर चोटी रखने को रूढ़िवादिता की पहचान मानते हैं लेकिन हकीकत में सिर पर चोटी रखने को वैज्ञानिक तरीका माना जाता है.
ये थी वजहें ब्राह्मण की चोटी की – गौरतलब है कि सिर पर चोटी रखने की परंपरा के पीछे वैज्ञानिक तथ्य छुपे हुए हैं, इसलिए आज के इस मॉडर्न युग में भी अधिकत्तर ब्राह्मण सिर पर चोटी रखते हैं.
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