शिव ने किया ब्रह्मा को दंडित
ब्रह्मा के इस व्यवहार से मायूस, सरस्वती काफी बैचेन हो गई. लेकिन ब्रह्मा की ये हरकत भगवान शिव से छुप नहीं सकी. क्रोध में आकर भगवान शिव प्रकट हुए और ब्रह्मा को सबक सिखाने के लिए उनका पांचवा सिर काट दिया.
भगवान शिव ने ब्रह्मा से कहा कि शतरुपा यानि सरस्वती आपकी बेटी है क्योंकि इसकी रचना आपके द्वारा हुई है इसलिए उसपर मुग्ध होना अत्यंत गलत है.
ब्रह्मा जी का सिर काटने के बाद भगवान शिव ने निर्देश देते हुए कहा कि “अपवित्र” ब्रह्मा के लिए इस ब्रह्मांड में कोई उचित तपस्या का स्थान नहीं होगा.
गौरतलब है कि ब्रह्मा ने अपनी ही बनाई हुई स्त्री पर आकर्षित होने का पाप किया जिसके चलते उन्हें अपना पांचवा सिर गंवाना पड़ा.
इतना ही नहीं उन्होंने संसार में अपने पूजे जाने का अधिकार भी खो दिया.
इस तरह त्रिमूर्ति में से भगवान विष्णु और शिव की पूजा आज भी हर जगह होती है लेकिन ब्रह्मा की पूजा देशभर में न के बराबर होती है.