आतंकवादी देश पाकिस्तान का साथ देने वाले चीन को सबक सीखाने के लिए भारत में हर हिंदुस्तानी चीनी उत्पादों का बहिष्कार कर रहा है.
चीनी उत्पादों के खिलाफ भारतीयों में बढ़ते आक्रोश को देखकर चीन की झुंझलाहट लगातार बढ़ती ही जा रही है.
चीन इस बात को अच्छी तरह से जानता है कि उसके उत्पादों का सबसे बड़ा बाजार भारत ही है और अगर भारत में ही चीन निर्मित उत्पादों का बहिष्कार होने लगा तो उसे कितना बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है.
तभी तो चीनी उत्पादों के बहिष्कार से बौखलाए चीन ने अपनी सरकारी मीडिया के ज़रिए भारत के खिलाफ न सिर्फ अपनी झुंझलाहट को जग जाहिर किया बल्कि भारत के खिलाफ कुछ इस तरह से ज़हर भी उगला.
भारत सिर्फ भौंक सकता है, कुछ कर नहीं सकता
भारतीय सोशल मीडिया पर चीनी उत्पादों का बहिष्कार के लिए छेड़े गए आंदोलन ने चीन की नींद हराम कर दी है. इसलिए अब चीन ने अपनी सरकारी मीडिया का सहारा लेकर भारत के खिलाफ ज़हर उगलना शुरू कर दिया है.
ग्लोबल टाइम्स में छपे एक लेख में चीन ने कहा है कि ‘भारतीय उत्पाद गुणवत्ता के मामले में चीन के उत्पादें के सामने टिक ही नहीं सकते हैं’. चीन ने कहा है कि ‘भारत सिर्फ भौंक सकता है’, दोनों देशों के बढ़ते व्यापार घाटे के बारे में वक कुछ नहीं कर सकता.
लेख में यह भी कहा गया है कि किसी भी हाल में भारतीय व्यापारी चीनी उत्पादों को खरीदने और उन्हें भारत में बेचने के लिए बड़ी संख्या में चीन आते हैं. इसलिए भारतीय अधिकारियों को चीन के साथ बढ़ते व्यापार घाटे के बारे में भौंकने दो. जबकि मामले की सच्चाई तो यही है कि इस मामले में भारत कुछ नहीं कर सकता है.
‘मेक इन इंडिया‘ को बताया अव्यवहारिक
इस लेख में यह कहा गया है कि भारत के प्रधानमंत्री का मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट पूरी तरह से अव्यवहारिक है.
चीनी अखबार ने तमाम चीनी कंपनियों को चेताते हुए लिखा है कि वो भारत में किसी भी तरह का निवेश न करें, भारत में निवेश करना आत्महत्या करने जैसा होगा. क्योंकि यहां के कर्मचारी मेहनती नहीं हैं और लोग भी भ्रष्ट हैं.
चीन की भड़ास का सिलसिला यहीं खत्म नहीं होता है. उसने भारत के कामगार वर्ग के बारे में कहा कि वो मेहनती और कार्यकुशल बिल्कुल भी नहीं हैं. इसलिए भारत में दुकानें खोलने के बजाय चीन की कंपनियों को चीन में ही अपनी निर्माण इकाइयां लगानी चाहिए.
गौरतलब है कि स्मार्टफोन बनानेवाली दुनिया की तीसरी बड़ी कंपनी हुआवेई ने पिछले महीने ही भारत में अपनी उत्पादन इकाई स्थापित की है.
भारत में हर तरफ फैला है भ्रष्टाचार
लेख में चीन ने कहा कि सबसे बुरी बात तो यह है कि भारत में ऊपर से नीचे तक हर सरकारी विभाग में भयानक भ्रष्टाचार व्याप्त है. भारत में काफी पैसा है लेकिन यह सिर्फ कुछ नेताओं, अधिकारियों और कुछ पूंजीपतियों के पास इकट्ठा हो गया है.
यह सभी लोग देश में उपलब्ध धन को खर्च करना ही नहीं चाहते हैं जो हकीकत में भारत के लोगों का ही पैसा है. ये लोग देश के बजाय खुद के लिए इस धन को खर्च कर रहे हैं.
भारत और अमेरिका की दोस्ती पर तंज कसते हुए चीन ने कहा कि अमेरिका किसी का दोस्त नहीं है. अमेरिका सिर्फ चीन को साधने के लिए भारत का इस्तेमाल कर रहा है क्योंकि अमेरिका चीन की तरक्की से और उसके ग्लोबल पावर बनने से चिड़ता है.
गौरतलब है कि चीन ने भारत में चीनी उत्पादों का बहिष्कार को लेकर छेड़ी गई मुहिम को सिर्फ लोगों की भावनाओं को भड़काने वाला करार दिया है और भारतीय सामानों की गुणवत्ता पर सवाल उठाया है. जिससे चीन की बौखलाहट साफ तौर पर नज़र आ रही है.
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