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क्रिकेटर्स जो भारत में जन्मे लेकिन खेले किसी ओर देश के लिए

अपने देश की अंतरराष्‍ट्रीय क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्‍व करना हर क्रिकेटर का सपना होता है। मगर कुछ क्रिकेटर्स दुर्भाग्‍यशाली रहे जिन्‍हें ऐसा मौका नहीं मिला।

जी हां, अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर कुछ क्रिकेटर्स इतने बदकिस्‍मत रहे जो अपने सपने को पूरा नहीं कर पाए। मगर क्रिकेट के प्रति उनका जूनून कम नहीं हुआ और अपना देश न सही, लेकिन अन्‍य देश को उन्‍होंने अपनी प्रतिभा का मुरीद बना दिया।

केविन पीटरसन, इमरान ताहिर, जोनाथन ट्रॉट, इयोन मोर्गन और ग्रांट एलियट मौजूदा समय के कुछ ऐसे उदाहरण हैं, जिन्‍होंने साबित किया कि वह प्रतिभा के धनी है। उनका जन्‍म जिस जगह हुआ, वे इन क्रिकेटरों की प्रतिभा को पहचान नहीं सके।

भारत भी इससे अलग नहीं है, ऐसे कई खिलाड़ी हैं जिनका जन्‍म यहां के अलग-अलग राज्‍यों में हुआ, लेकिन आज वे अन्‍य देश का प्रतिनिधित्‍व करके अपना नाम क्रिकेट जगत में पुख्‍ता कर रहे हैं।

आईए ऐसे कुछ क्रिकेटर्स के बारे में जाने जिन्‍होंने भारत में जन्‍म लिया, लेकिन सेवाएं अन्‍य अंतरराष्‍ट्रीय टीम को दी-

कॉलिन काउड्रे-

यह पहले क्रिकेटर हैं जिन्‍होंने 100 टेस्‍ट मैच खेले। 24 दिसंबर 1932 को कॉलिन काउड्रे का जन्‍म ऊटी में हुआ। कोलिन के पिता चाय बगान के मालिक थे। वह खुद भी क्रिकेटर थे और भारत में एमसीसी की तरफ से खेलने आए थे। कॉलिन पांच साल की उम्र में इंग्‍लैंड चले गए और वहीं अपनी क्रिकेट की कला को निखारने लगे। उन्‍होंने आगे इतिहास रच दिया। तत्‍कालीन सभी टेस्‍ट दर्जा पाने वाले छह देशों के खिलाफ शतक जमाए। अपने करियर में कुल 22 शतक जमाए। संन्‍यास के बाद कॉलिन एमसीसी के अध्‍यक्ष और आईसीसी के चेयरमैन भी बने।

नासिर हुसैन-

इंग्‍लैंड के सफलतम कप्‍तानों में से एक नासिर हुसैन का जन्‍म मद्रास में 28 मार्च 1968 को हुआ। नासिर के पिता भारतीय जबकि मां इंग्‍लैंड की है। 1975 में हुसैन इंग्‍लैंड में बस गए और नासिर ने वहीं अभ्‍यास किया। 1990 में दाएं हाथ के बल्‍लेबाज ने पदार्पण किया। हुसैन ने अपनी नेतृत्‍व क्षमता से सभी को प्रभावित किया।

माजिद खान-

इनके पिता जहांगीर खान के ने अविभाजित भारतीय टीम का प्रतिनिधित्‍व किया था। आजादी से एक दिन पहले माजिद का जन्‍म लुधियाना में हुआ। उनका परिवार जल्‍द ही पाकिस्‍तान में जा बसा। माजिद ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट की शुरुआत लाहौर में की और 1964 में टेस्‍ट क्रिकेट में पदार्पण किया। माजिद ने 63 मैचों में पाकिस्‍तान का प्रतिनिधित्‍व किया और 8 शतक व 19 अर्धशतकों के दम पर 3931 रन बनाए। माजिद ने टेस्‍ट क्रिकैट में 27 विकेट भी लिए।

आसिफ इकबाल-

1943 में हैदराबाद में जन्‍मे इस क्रिकेटर ने सारी बारिकियां भारत में ही सीखी। उन्‍होंने हैदराबाद टीम का प्रतिनिधित्‍व भी किया। उनका परिवार 1961 में पाकिस्‍तान में जा बसा। आसिफ पूर्व भारतीय खिलाड़ी गुलाम अहमद और मौजूदा टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा के रिश्‍तेदार है। आसिफ एक ऑलराउंडर थे जिन्‍होंने 1975 विश्‍व कप में टीम की कमान संभाली। आगे चलकर उन्‍होंने आईसीसी के मैच रैफरी की भूमिका भी निभाई।

रॉबिन जैकमैन-

मशहूर कमेंटेटर और इंग्‍लैंड के क्रिकेटर का जन्‍म 13 अगस्‍त 1945 को शिमला में हुआ। जैकमैन के पिता ने युद्ध के दौरान अपना पैर गंवा दिया, जिसके बाद पूरा परिवार इंग्‍लैंड में जा बसा। जैकमैन ऑलराउंडर थे। उन्‍हें अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर ज्‍यादा मौका नहीं मिला, लेकिन प्रथम श्रेणी क्रिकेट के वो हीरो रहे। जैकमैन ने इंग्‍लैंड की तरफ से चार टेस्‍ट खेले जिसमें 42 रन बनाए व 14 विकेट लिए।

केएस रणजीतसिंहजी-

नवानगर के शासक रणजीतसिंहजी (या रणजी) अपने समय के सर्वश्रेष्‍ठ बल्‍लेबाजों में से एक थे। 10 सितंबर 1872 को शाही परिवार में जन्‍म लेने वाले रणजी ने इंग्‍लैंड में पढ़ाई की और क्रिकेट का अभ्‍यास किया। रणजी ने जल्‍द ही टेस्‍ट क्रिकेट में पदार्पण किया और ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाफ अपने पहले ही मैच में अर्धशतक जमाया। उन्‍होंने लेट कट और लेग ग्‍लांस शॉट क्रिकेट में प्रस्‍तुत किए। बीसीसीआई ने उनकी स्‍मृति में 1934-35 में रणजी ट्रॉफी टूर्नामेंट का आयोजन किया।

हनीफ मोहम्‍मद-

पूर्व पाकिस्‍तानी बल्‍लेबाज ने 1952-1969 के बीच 55 टेस्‍ट मैच खेले। इस दौरान उन्‍होंने 43.98 की औसत से 3915 रन बनाए। उन्‍होंने अपने करियर में 12 शतक ठोंके। हनीफ ने भारत के खिलाफ 15 मैचों खेले जिसमें दो शतक जमाए। हनीफ का जन्‍म जूनागढ़ (अब सौराष्‍ट्र) में हुआ था। आजादी के बाद विभाजन के कारण उनका परिवार पाकिस्‍तान में बस गया। भारत ने कितना बड़ा सितारा खोया इसका प्रमाण इस बात से मिला क‍ि हनीफ ने वेस्‍टइंडीज के खिलाफ ब्रिजटाउन में रिकॉर्ड 970 मिनट क्रीज पर बिताए। उन्‍होंने इसमें 337 रन की पारी खेली। यह टेस्‍ट क्रिकेट की सबसे लंबी पारी है।

हाल ही में ऑस्‍ट्रेलिया की तरफ से गुरिंदर संधू क्रिकेट खेलने भारत आए थे।

गुरिंदर का परिवार भारतीय मूल का है जो ऑस्‍ट्रेलिया में जाकर बस गया।

लोगों को गलतफहमी है कि गुरिंदर भी भारत से है। दरअसल, गुरिंदर का जन्‍म ऑस्‍ट्रेलिया के न्‍यू साउथ वेल्‍स में हुआ। इसीलिए हमने सोचा कि उन क्रिकेटरों के बारे में बताया जाए जिनका जन्‍म ही भारत में हुआ, लेकिन उन्‍होंने अन्‍य देश की टीम का प्रतिनिधित्‍व किया।

Abhishek Nigam

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