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पकाऊ कलीग ने जीना हराम कर दिया है! कोई तो बचाओ!

हम ऑफ़िस काम करने जाते हैं, पैसे कमाने जाते हैं और दिन भर बॉस से टीम वर्क के बारे में हज़ारों लेक्चर सुनते हैं|

वो तो ठीक है लेकिन अगर टीम में या ऑफ़िस में कोई पकाऊ कलीग हो तो उस का क्या?

ऐसे लोग परेशान कर-कर के इस तरह ख़ून चूसते हैं जैसे कोल्ड ड्रिंक पी रहे हों!

और एक बात बता दूँ, इन पकाऊ लोगों की भी किस्में होती हैं! जी हाँ, कई तरह के उलटी-खोपड़ी कलीग मिलते हैं काम के दौरान!

आओ ज़रा बताऊँ पकाऊ कलीग की किस्में और इनसे निपटा कैसे जाए:

1) छूने दो ज़रा!

यह लोग वो हैं जो बिना हाथ लगाए बात नहीं कर सकते या जो सीधा आपके मुँह के क़रीब आके बात करेंगे! अरे थोड़ा दूर खड़े हो कर भी बात हो सकती है, चिपकना ही ज़रूरी है क्या? ऐसे लोगों से निपटने का एक ही उपाय है: वो एक क़दम आगे बढ़ें, आप दो क़दम पीछे हट जाओ! तब तक करो जब तक उन्हें यह समझ ना आ जाए कि बात करनी है, मॉर्निंग वॉक पर नहीं जाना!

2) सारी दुनिया में बाँटूँगा!

यह प्रकार बड़ी ही पकाऊ होती है! मज़ेदार खाना और अपने पैसे तो कभी नहीं बाँटेंगे, हाँ अपने दुखड़े और रोना-धोना ज़रूर बाँटने चले आएँगे! एक-आध बार तो ठीक है लेकिन इनकी आदत ही है ऐसी कि आप ज़्यादा दिन तक झेल नहीं सकते| आसान उपाय, ऐसे सुनिए जैसे आप ने सुना ही नहीं और सुन के अनसुना कर दीजिये! ना जवाब दीजिये और ना ही अपना कंधा! उन्हें 24 घंटे की सहानुभूति चाहिए, नहीं मिलेगी तो किसी और का दामन पकड़ लेंगे| आप तो बचेंगे ना कम से कम!

3) चिपकूँगा में फ़ैवीकोल से!

भाई साहब यह किस्म तो फ़ैवीकोल साथ लेकर चलती है कि कोई मौका दे, कोई तो प्यार से बात करे, कोई तो उतनी इज़्ज़त दे जितनी नहीं देनी चाहिए, बस फिर चिपक लेंगे! और ऐसे चिपकेंगे कि आपकी परछाईं भी आपसे रूठ जायेगी कि इसे ही बना लो अपना साया, मैं चली! तो इनसे बचना हो तो थोड़ा स्मार्ट बनिए, इनसे ज़्यादा नर्मदिली से पेश आने की ज़रुरत नहीं है| थोड़ा रूखापन दिखाईये भले ही उन्हें बुरा लगे! और कुछ नहीं तो किसी और के साथ चिपका दीजिये!

4) मैं हूँ डॉन

कुछ ऐसे भी होते हैं यार जो ओहदे में तो आपके बराबर होते हैं लेकिन दिखाते हैं कि बॉस वही हैं और आप पर अपनी धौंस जमाने से बाज़ नहीं आते! इन्हें समझाकर या बताकर कि भैया तुम्हारी औकात कुछ ख़ास है नहीं, आपको फ़ायदा नहीं होगा| आसान तरीका है ध्यान ही मत दीजिये! हाथी चलता है, कुत्ते भौंकते हैं और फिर थक के चुप हो जाते हैं! समझ गए ना?

5) आलसी महाशय

यह वो किस्म है जो सब करेगी सिवाय अपने काम के! और तो और, अपना काम आप पर थोपने की कोशिश भी चलती रहेगी! ऐसे लोगों से निपटने के लिए आपको थोड़ा स्मार्ट होना पड़ेगा| इस से पहले कि वो आपकी क्लास ले डालें, पहले ही उन्हें सबके सामने बोल दें कि यार यह काम तुम्हारा बचा हुआ है, जल्दी से कर लो! मतलब, सबके सामने शर्मिंदा!

देखो दोस्तों, इस पकाऊ क़िस्म के कलीग से बच तो कभी नहीं पाओगे, लेकिन कोशिश करते रहो! और हाँ, कोई नया पैंतरा समझ आये तो मुझे भी बताना, बड़ी ज़रुरत है यार!

Nitish Bakshi

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