3) चिपकूँगा में फ़ैवीकोल से!
भाई साहब यह किस्म तो फ़ैवीकोल साथ लेकर चलती है कि कोई मौका दे, कोई तो प्यार से बात करे, कोई तो उतनी इज़्ज़त दे जितनी नहीं देनी चाहिए, बस फिर चिपक लेंगे! और ऐसे चिपकेंगे कि आपकी परछाईं भी आपसे रूठ जायेगी कि इसे ही बना लो अपना साया, मैं चली! तो इनसे बचना हो तो थोड़ा स्मार्ट बनिए, इनसे ज़्यादा नर्मदिली से पेश आने की ज़रुरत नहीं है| थोड़ा रूखापन दिखाईये भले ही उन्हें बुरा लगे! और कुछ नहीं तो किसी और के साथ चिपका दीजिये!