2) सारी दुनिया में बाँटूँगा!
यह प्रकार बड़ी ही पकाऊ होती है! मज़ेदार खाना और अपने पैसे तो कभी नहीं बाँटेंगे, हाँ अपने दुखड़े और रोना-धोना ज़रूर बाँटने चले आएँगे! एक-आध बार तो ठीक है लेकिन इनकी आदत ही है ऐसी कि आप ज़्यादा दिन तक झेल नहीं सकते| आसान उपाय, ऐसे सुनिए जैसे आप ने सुना ही नहीं और सुन के अनसुना कर दीजिये! ना जवाब दीजिये और ना ही अपना कंधा! उन्हें 24 घंटे की सहानुभूति चाहिए, नहीं मिलेगी तो किसी और का दामन पकड़ लेंगे| आप तो बचेंगे ना कम से कम!