हिन्दू धर्म बहुत ही प्राचीन और प्रभावशाली धर्म रहा है.
भारत हिन्दुओं का देश रहा है, जहाँ नदी, पर्वत, पहाड़, पेड़, पत्ते, और जीव को हिन्दू धर्म से जोड़ा गया है. भारत की बारिश से, हवा के झोके तक, सब में हिन्दू धर्म का प्रवाह होता है और दिखाई देता है.
जहाँ हर चीज हिन्दू धर्म से जुड़ी है वही कुछ किताबें भी इतनी प्रभाव शाली है जो हर इंसान की सोच को हिन्दू धर्म की बना देती है. यह किताबें धर्म का नहीं बल्कि अच्छे इंसान के गुणों का प्रचार करती है फिर भी दुसरे धर्म में इन किताबो को प्रतिबंधित किया जाता है
तो आइये जानते है कौन कौन सी किताबें है ये !
सत्यार्थ प्रकाश
महर्षि दयानंद सरस्वती द्वारा लिखी पुस्तक सत्यार्थ प्रकाश में हिन्दू धर्म का महत्व, कर्तव्य और ऐसी ऐसी बाते लिखी है कि इस किताब को पढ़ने के बाद इंसान हिन्दू धर्म अपना ही लेता है. ऐसा अन्य धर्म के लोगो का मानना है. इसलिए वर्तमान में कई मस्जिद और इस्लामियों में इस पुस्तक को प्रतिबंधित कर दिया गया है क्योकि इसको पढ़ने वाले लगभग सभी मुसलमान हिन्दू बन ही जाते है.
यह पुस्तक हर भाषा में मिलती है.
ऋग्वेद – अथर्ववेद – यजुर्वेद – सामवेद
हिन्दू धर्म में चार वेद है ऋग्वेद, अथर्ववेद, यजुर्वेद और सामवेद में अलग अलग तरह का ज्ञान और बाते लिखी है. यह चारो प्रभावशाली पुस्तक है, जो इंसान को मनुष्य बनने की शिक्षा देते है. जो इंसान इन पुस्तको को पढ़कर समझ जाता है, वह किसी भी धर्म का क्यों ना हो खुद को हिन्दू धर्म में परिवर्तित कर ही देता है.
श्रीमद भागवत गीता
श्री मद भागवत गीता में जीवन का सार, राजनीति और मानवजीवन से जुड़ी सभी तरह का ज्ञान छुपा हुआ है. इस पुस्तक को जो इंसान समझ लेता है, वह खुद को हिन्दू धर्म में ढाल कर हिन्दू धर्म का पालन करने लगता है और कृष्ण भक्ति में डूबने लगता है. इसलिए कई धर्म में यह पुस्तक पढ़ने से रोका जाता है.
रामायण
रामयण एक आदर्श पुरुष, आदर्श स्त्री, उच्च जीवन, उच्च चरित्र, उच्च आदर्श, कर्तव्य और जीवन से जुडी हर समस्या का समाधान है. ये किताब इंसान को अच्छा मनुष्य बनने की शिक्षा देता है. इस किताब को समजनेवाला इंसान खुद को हिन्दू धर्म से जोड़ देता है और बाकी सब धर्म भूलकर हिन्दू धर्म को ही मानने लगता है.
यह किताबें हिन्दू धर्म का प्रचार नहीं करती, बल्कि इंसान को अच्छे मानव बनने की शिक्षा देती है.
इन चारो किताबें पढ़ने वाला चाहे वह किसी भी धर्म का क्यों ना हो, खुद को हिन्दू धर्म में अपने आपको विलीन कर देता है. अपने आपको हिन्दू धर्म में बदलकर मानव धर्म का पालन करने लग जाता है. इसलिए अन्य धर्म वाले अपने लोगो को इन पुस्तकों को पढ़ने से रोकते है .