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पुराने गीतों के शौकीनों को हमेशा ही यदा रहेंगे यह सदाबहार गीत

पुराने गीत – दिल व दिमाग जब थका सा महसूस करें तो अक्सर हम मन परिवर्तन के लिए गीतों की ओर रुख़ करते हैं।

जिन्हें सुनकर मन दोबारा तरोताज़ा हो जाए। लेकिन आजकल के माहौल में वैसे पुराने गीत जैसे गीत कम्पोज़ होना ही बन्द हो गये हैं, जो दिल को खुश व दिमाग को तरोताज़ा करें। शायद यह वजह है अधिकतर लोग अपने पास पुराने गीतों की रिकॉर्ड संभाल कर रखते हैं। जिसे जब दिल करा सुनकर भारी मन हल्का कर लिया जाए।

यदि आप भी पुराने गीत सुनने के शौकीन हैं, फिर आपके पास भी यह ओल्ड मेलोडी का रिकॉर्ड ज़रूर होगा। वैसे, वो क्या कहते हैं, ओल्ड इज़ गोल्ड ! ।

ओल्ड इज़ गोल्ड की तर्ज़ पर चलिए सुनाते हैं उन सदाबहार पुराने गीतों को, जो हर उस व्यक्ति के पास मिलेंगे जो पुराने गीतों को सुनने के शौकीन हैं।

पुराने गीत –

मैंने तेरे लिए ही सात रंग के सपने चुने:  आनंद फिल्म (1971)

चरित्र अभिनेता राजेश खन्ना पर फिल्माया आनंद फिल्म का यह गीत खुबसूरत मेलोडी है। यह गीत, गीतकार गुलज़ार ने लिखा था व इसमें आवाज़ मुकेश ने दी थी। फिल्म का यह गीत संगीतकार सलिल चौधरी द्वारा यह बना गया।

कितना प्यारा वादा है इन मतवाली आंखों का : कारवां फिल्म (1971)

अभिनेता जितेन्द्र व आशा पारीख पर फिल्माया गया कारवां फिल्म का यह गीत खुबसूरत नगमा है। इस गीत को गीतकार मजरूह सुल्तानपुरी ने लिखा था व इसमें आवाज़ लता मंगेशकर व रफ़ी ने दी थी। और संगीतकार रहे, राहुल देव बर्मन।

ज़िन्दगी मिल के बिताएंगे : सत्ते पे सत्ता फिल्म (1982)

अभिनेता अमिताभ बच्चन स्टार और उनके छह भाईयों पर बनी फिल्म सत्ते पे सत्ता एक कॉमेडी ड्रामा फिल्म थी। इस फिल्म से ज़िन्दगी मिल कर बिताएंगे एक सुन्दर गीत है। इस गीत को गीतकार गुलशन बावरा ने रचा और यह किशोर कुमार, आर.डी बर्मन, भूपेन्द्र सिंह व सपना चक्रवर्ति द्वारा गाया गया। गीत में आर.डी. बर्मन का संगीत थे।

इशारों इशारों में दिल लेने वाले :  कश्मीर की कलि फिल्म (1964)

अभिनेता शम्मी कपूर व शर्मिला टाइगर पर बना कश्मीर की कलि का यह गीत एक सदाबहार नगमा है। जिसे पिरोया एस.एच. बिहारी व गाया आशा भोसले व रफ़ी ने थॉ। इसका संगीत ओ.पी नय्यर ने दिया था।

बने चाहे दुश्मन ज़माना हमारा, सलामत रहे दोस्ताना हमारा : दोस्ताना फिल्म (1980)

अभिनेता अमिताभ बच्चन व शत्रुघ्न सिन्हा पर आधारित यह गीत फिल्म दोस्ताना से है। इस गीत में गायक किशोर कुमार व मुहम्मद रफ़ी थे व गीतकार आनंद बक्षी रहे थे। गीत को पिरोया लक्ष्मीकांत प्यारेलाला ने था।

अभी न जाओ छोड़कर के दिल अभी भरा नहीं: हमदोनों फिल्म (1961)

अभिनेता देवआनंद व साधना पर बना यह एक प्यारा गीत है। जिसे गाया आशा व रफ़ी द्वारा था व इस गीत को संगीत दिया जय देव ने व लिखा गया, साहिर लुधियानवि द्वारा।

ये है पुराने गीत –  अगर कोई पुराने गीतों का शौकीन है तो वो यह सदाबहार गीत ज़रूर सुनता ही होगा। हालांकि इन पुराने गीतों के अलावा कई ओल्ड मेलोडी भी है।

Taruna Negi

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