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जानिए इस देश की महिलाएं कुर्सी पर क्यों नहीं बैठती हैं?

बोको हराम

पूरे विश्व में इस समय कई आतंकी गुट सक्रिय है.

इन्हीं में एक बोको हराम भी है जो नाइजीरिया में सक्रिय है.

बोको हराम एक साथ सैकड़ों की संख्या में स्कूली छात्राओं का अपहरण करने के लिए कुख्यात है. इसके अलावा ये बम धमाके करने और लोगों को यातनाएं देकर मारने को लेकर भी सुर्खियों में रहता हैं.

बोको हराम

बोको हराम हर प्रकार की पश्चिमी शिक्षा व संस्कार का विरोधी है. यहां तक कि वह महिलाओं को कुर्सी तक पर बैठने की मनाही करता है. इसके चलते बोको हराम के प्रभाव वाले नाइजीरियों के पूर्वोत्तर क्षेत्र में महिलाओं ने उसके डर कुर्सी पर बैठना तक बंद कर दिया है.

इसका सबसे ज्यादा खौफ स्कूली छात्राओं में और महिलाओं में हैं. इस गुट के आतंकी कब और किस स्कूल या काॅलेज में धमक जाए, कहा नहीं जा सकता. ये सैंकड़ों की तादाद में हमला करते हैं जिस कारण सुरक्षा बल भी इनका मुकाबला नहीं कर पाते हैं.

इस्लामी वहाबी और सलाफी विचार धारा को मानने वाला आतंकवादी संगठन बोको हराम जब किसी शहरों पर कब्जा करता है तो उसके बाद यह वहां के लोगों विशेष रूप से महिलाओं के संबंध में आश्चर्यजनक कानून बनाता है और यदि कोई उसका उल्लंघन करता है तो उनको कोड़े मारना, हाथ-पैर काटना और गर्दन काटकर सजाएं देता हैं.

बोको हराम

एमनेस्टी इंटरनेशनल का दावा है कि बोको हराम ने हाल के वर्षों में कम से कम 2000 से अधिक महिलाओं और लड़कियों को अगवा किया है. इनमें नाइजीरिया की 219 स्कूली छात्राएं भी हैं, जिनका स्कूल से अपहरण किया गया था. बोको हराम के विचार में महिलाएं उपभोग की वस्तुएं हैं. छात्राओं का अपहरण करने के बाद यह उनकी वीडियो क्लिप जारी कर बताता है कि उसने छात्राओं से साथ क्या किया.

बोका हराम अपहृत छात्राओं को दासिया बनाकर उनको कैंपों मे रख लेता हैं. यही नहीं उसके संगठन में शामिल पुरुषों के साथ उनकी जबरदस्ती शादी भी करा देता है. बोको हराम ने 2014 में नाइजेरिया के पूर्वोत्तर इलाके से कई महिलाओं व लड़कियों का अपहरण कर लिया था. अभी हाल में रेड क्रास और स्विटरजरलैंड की मध्यस्था से 21 छात्राओं को मुक्त कराया गया है.

बोको हराम की दहशत के कारण लोगों ने उनके प्रभाव वाले इलाके आस पास अपनी लड़कियों को स्कूल भेजना बंद कर दिया है. इतना ही नहीं इनके डर से महिलाओं ने बाजार जाना छोड़ दिया है. क्योंकि इसकी निगाह में शोरूम में महिलाओं के कपड़े को शोकेस में रखना तक इस्लाम के खिलाफ है.

इस आतंकी संगठन का ही डर है कि महिलाओं ने गंभीर से गंभीर बीमारी में पूरुष डाक्टर से इलाज कराना बंद कर दिया है. उनको डर है कि अगर पता चल गया तो उनके साथ बोको हराम बहुत बुरा सलूक करेगा.

गौरतलब है कि बोको हराम संगठन का आधिकारिक नाम जमाते एहली सुन्ना लिदावति वल जिहाद है जिसका अरबी में मतलब हुआ जो लोग पैगंबर मोहम्मद की शिक्षा और जिहाद को फैलान के लिए प्रतिबद्ध होते हैं. बोको हराम कुरान और हदीस की आड़ लेकर इस पूरे इलाके में महिलाओं और स्कूली छात्राओं का शोषण करता है.

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