विशेष

तो, इसलिए आपकी बॉडीलैंग्वेज में आत्मविश्वास होना चाहिए

बॉडीलैंग्वेज में आत्मविश्वास – आज की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में आपको रोजाना कई तरह के लोगों से मिलना पड़ता है.

कभी मीटिंग्स तो कभी सेमिनार्स होते रहते हैं. कॉपरेटिववर्ल्ड में इंवेस्टर्स, क्लाइंटस, पार्टनर्स आदि से आपकी मुलाकात हो सकती है. अब एक इंडिपेंडेंट कंपनी के प्रतिनिधि होने के नाते आपका यह फर्ज है की आप अपनी कंपनी को दूसरो के आगे कॉफिडेन्स के साथ पेश करें.

अब अगर ऐसे में आप की ही छवि उनके आगे सही ढंग से नहीं बन पाएगी तो आपकी कंपनी कैसे बिजनेस में उस क्षेत्र में आगे बढ़ पाएगी. ऐसा जरूरी नहीं है की आपकी कंपनी की रेपोटेशन मार्केट में अच्छी है तो सभी की राय आपके बारे में अच्छी ही हो.

अपनी कंपनी की रेपोटेशन को कायम रखने के लिए और उसे आगे बढ़ाने के लिए आपको अपनी पर्सनेलिटी और हाव-भाव पर मेहनत करनी होगी. इस मेहनत से ना केवल आपको कॉपरेटिव वर्ल्ड में फायदा होगा बल्कि आपकी निजी जिंदगी में भी ये चीजें काम आएंगी.

तो आइए जानते हैं कुछ खास बाते जिनकी मदद से आप सामने वाले पर छोड़ सकते हैं एक अच्छा प्रभाव.

बॉडीलैंग्वेज में आत्मविश्वास

१. कपड़े

वैसे तो कहा जाता है की आदमी की वैल्यू उसके स्वभाव से लगाई जाती है ना की उसके कपड़ों से. लेकिन आपको बता दे की कॉरेटिववर्ल्ड में ऐसा बिल्कुल नहीं है. आपके कपड़े ही आपकी पहचान होते हैं. इसलिए जब भी आप किसी मीटिंग या सेमिनार में जाए, आप अपने कपड़ों पर खास ध्यान दे. ऐसे रंग और कपड़े चुनने की कोशिश करें जो आपके व्यक्तित्व का सकारात्मक प्रभाव बनाए और आप पर जंचे भी.

२. हाव-भाव

ज्यादातर लोग उन्हीं लोगों से बात करना पसंद करते हैं जिनका रवैया जिंदगी के प्रति सकारात्मक हो. लेकिन इसका मतलब ये नहीं की आप बेवजह की सकारात्मकता दिखाने लगे, क्योंकि किसी भी चीज का ओवरडोज़ खराब ही होता है. पॉजेटिवएटीट्यूड का मतलब है चीजों को लेकर दुखी ना होना, हर बुरी और सही चीज में अच्छाई ढूँढ लेना एक सकारात्मक प्रभाव पेश करता है और दूसरे के प्रति आपका रवैया अच्छा बना रहता है.

३. कॉफिडेन्स

कई लोगों के पास इनोवेटिवआईडियाज तो होते हैं लेकिन लैक ऑफ कॉफिडेन्स की वजह से दूसरो को सही ढंग से नहीं समझा पाते हैं. अगर आपके साथ भी ऐसी प्रॉब्लम होती हैं तो अपनी इस कमी को दूर करें. अपनी बातों को सही ढंग से पेश करें और उसी भाषा का प्रयोग करें जो लोगों में मान्य हो और उन्हें जल्दी से समझ आ जाए.

४. पर्सनेलिटी

आप जब कभी किसी एक्सपर्ट को सुन रहे हो या खुद लोगों को संबोधित कर रहे हो तो अपनी बॉडीलैंग्वेज और पॉश्चर का खास खयाल रखें. किसी मीटिंग में या सेमिनार के समय आपका बेवजह हिलना और पेन के साथ खेलना आपके अविश्वास को झलकाता है.

बॉडीलैंग्वेज में आत्मविश्वास – जैसा कि हमें स्कूल से सिखाया जाता रहा है की होम-वर्क एक बहुत ही महत्वपूर्ण चीज है. आप जिस भी मीटिंग या सेमिनार में जाए तो उसके बारे में पहले से ही कुछ तैयारी कर ले. वहाँ पर बेहतर सवाल पूछे ताकि आपकी तैयारी सभी के साथ-साथ आपके बॉस को भी दिखाई दे. ऐसे सेमिनार में अच्छे प्रश्न पूछने वाले लोग आसानी से नजर में आ जाते हैं. ऐसा करने से ये लोग दूसरो पर अपना अच्छा प्रभाव छोड़ने में कामयाब रहते हैं.

Shivam Rohatgi

Share
Published by
Shivam Rohatgi

Recent Posts

इंडियन प्रीमियर लीग 2023 में आरसीबी के जीतने की संभावनाएं

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया में सबसे लोकप्रिय टी20 क्रिकेट लीग में से एक है,…

2 months ago

छोटी सोच व पैरो की मोच कभी आगे बढ़ने नही देती।

दुनिया मे सबसे ताकतवर चीज है हमारी सोच ! हम अपनी लाइफ में जैसा सोचते…

3 years ago

Solar Eclipse- Surya Grahan 2020, सूर्य ग्रहण 2020- Youngisthan

सूर्य ग्रहण 2020- सूर्य ग्रहण कब है, सूर्य ग्रहण कब लगेगा, आज सूर्य ग्रहण कितने…

3 years ago

कोरोना के लॉक डाउन में क्या है शराबियों का हाल?

कोरोना महामारी के कारण देश के देश बर्बाद हो रही हैं, इंडस्ट्रीज ठप पड़ी हुई…

3 years ago

क्या कोरोना की वजह से घट जाएगी आपकी सैलरी

दुनियाभर के 200 देश आज कोरोना संकट से जूंझ रहे हैं, इस बिमारी का असर…

3 years ago

संजय गांधी की मौत के पीछे की सच्चाई जानकर पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक जाएगी आपकी…

वैसे तो गांधी परिवार पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और उस परिवार के हर सदस्य…

3 years ago