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नए साल में इस महीने 150 साल बाद दिखेगा ‘नीला चांद’

नीला चांद – नया साल अपने साथ काफी कुछ साथ लेकर आया है। भविष्‍यविदों ने इस साल बहुत सारी शुभ और अशुभ घटनाओं की भविष्‍यवाणी की है। इसके अलावा इस साल एक और चीज़ है जो कई वर्षों के बाद होने जा रही है।

हम सभी जानते हैं कि ज्‍योतिषशास्‍त्र का दायरा बहुत बड़ा है और इसके ज़रिए भविष्‍य मे होने वाली घटनाओं के बारे में पता लगाया जा सकता है। आज हम आपको एक ऐसी ही खास घटना के बारे में बताने जा रहे हैं जो नए साल के पहले महीने में घटित होगी।

इस महीने की 31 तारीख को दुर्लभ पूर्ण चंद्रग्रहण पड़ने वाला है जिसमें महीने में दूसरी बार पूर्णिमा होगी। हालांकि, हर महीने सिर्फ एक ही पूर्णिमा होती है लेकिन इस बार जनवरी के महीने में दो पूर्णिमाएं पड़ेंगी जोकि अपने आप में ही बेहद अनोखी बात है।

ब्‍लू मून अर्थात् नीला चांद कहलाने वाला ये नज़ारा आपको 150 साल से भी ज्‍यादा समय के बाद दिखाई दे रहा है। इसके साथ ही यह 2018 का पहला ग्रहण भी होगा। भारतीय उपमहाद्वीप, पश्चिम एशिया और पूर्वी यूरोप में चांद के उदय के दौरान पहले से ही ग्रहण लगा रहेगा। उस समय प्रशांत महासागर चंद्रमा की सीध में होगा और ग्रहण मध्‍यरात्रि में होगा।

मध्‍य एवं पूर्वी एशिया, इंडोनेशिया, न्‍यूजीलैंड और ऑस्‍ट्रेलिया के ज्‍यादा तर हिस्‍सों में शाम के समय आसमान में चंद्र ग्रहण साफ दिखाई देगा। इसके अलावा अमेरिका के अलास्‍का और हवाई एवं कनाडा के उत्तर पश्चिमी हिस्‍से में ग्रहण शुरु से अंत तक नज़र आएगा। पूर्ण चंद्र ग्रहण 77 मिनट तक रहेगा।

ज्‍योतिषशास्‍त्र के अनुसार इस दौरान चंद्रमा का निचला हिस्‍सा इसके ऊपरी हिस्‍से की तुलना में ज्‍यादा चमकीला दिखाई देगा। इस साल के बाद अगली बार ब्‍लू मून यानि नीला चांद 31, दिसंबर, 2028 को दिखाई देगा। इसका मतलब है कि आप ये नज़ारा पूरे 10 साल बाद देख पाएंगें। 2028 के बाद ब्‍लू मून 31 जनवरी, 2037 को दिखेगा। इन दोनों ही बार पूर्ण चंद्रग्रहण होगा।

इस वजह से साल का पहला महीना अपने आप में ही बेहद खास हो गया है। बड़ी संख्‍या में लोग इस अनोखी घटना को देखने के लिए आतुर रहेंगें। इस साल चंद्रग्रहण के अलावा सूर्यग्रहण भी पड़ेगा।

31 जनवरी के बाद दूसरा चंद्रग्रहण 28 जुलाई को पड़ेगा जिसकी शुरुआत 27 जुलाई की रात को 23:54:26 से होगी जोकि 28 जुलाई की सुबह 03:48:59 बजे तक रहेगा।

ज्‍योतिषीय दृष्टिकोण से ग्रहण बहुत महत्‍वपूर्ण होते हैं लेकिन विज्ञान के लिए यह मात्र एक खगोलीय घटना है। ज्‍योतिषशास्‍त्र की मानें तो ग्रहण की स्थिति अच्‍छी नहीं मानी जाती है और इसका मानव जीवन पर बुरा असर पड़ता है। यह वो समय होता है जब संसार अंधकार में छिप जाता है और संसार पर बुरी शक्‍तियां हावी हो जाती हैं।

सामान्‍य व्‍यक्‍ति के लिए ग्रहण केवल एक जिज्ञासा हो सकती है किंतु गर्भावस्‍था की स्थिति में, किसी शुभ कार्य को करना हो या कहीं जाना हो तो ऐसी स्थिति में ग्रहण को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता है। किसी भी तरह की अनहोनी से बचने के लिए बेहतर होगा कि आप ग्रहण पड़ने की तारीख और समय की जानकारी रखें। ज्‍योतिषीय उपायों की मदद से ग्रहण के अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है।

Parul Rohtagi

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Parul Rohtagi

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