जीवन शैली

अगर लड़की को देखकर सिटी बजाई तो लगेगा 60 हज़ार का जुर्माना

सडकों पर चलते हुए अगर लड़की दिख जाए तो मनचलों का सिटी बजाना तो बनता ही है. अगर वो सिटी नहीं बजाएंगे तो उनकी मर्दानगी कैसे पता चलेगी. उन्हें लोग लड़का कैसे समझेंगे. दुनिया को तो यही लगेगा कि ये किसी काम के नहीं.

कुछ ऐसा ही सोचते हैं सड़क पर चलने वाले लोफर लड़के. जिस भी लड़की को देखते हैं तुरंत सिटी बजाना और आँख मारना शुरू कर देते हैं. भारत में ये बहुत होता है.

भारत में तो लड़कियों को अपने साथ उठा ले जाते हैं, रेप कर देते हैं.

कहाँ सिटी मारने की बात कह रही हूँ मैं भी. ये लोग बड़ा बड़ा काम करते हैं. वैसे एक देश ऐसा भी है. जहाँ लड़कियों को अगर किसी लड़के ने सिटी मारी तो उससे पुलिस 60 हज़ार वसूलेगी.

जी हाँ, बिलकुल सही सुन रहे हैं आप.

पूरे 60 हज़ार रूपए. फ्रांस में सरकार ने मनचलों को रोकने के लिए कानून को और भी ज्यादा कड़ा कर दिया है.

इसके तहत अब लड़कियों को देखकर भद्दे कमेंट करना, उनका पीछा करना, उन्हें देखकर गंदे ईशारे करना, सीटी बजाना अपराध की श्रेणी में गिना जाएंगा. वाह कितनी अच्छी बात है. अब सिटी बजाना भी अपराध की लिस्ट में शामिल होगा.

भारत को भी इससे कुछ सीखना चाहिए.

यहाँ तो रेप करने के बाद भी लोग खुले में घुमते हैं. फ़्रांस के इस बिल में इसके अलावा हर वो कृत्य लिखा जाएगा जो महिलाओं की आजादी का उल्ल्ंघन करता है, और उनके आत्मसम्मान को ठोस पहुंचाता है. इस कानून के दायरे में आएंगा. फ्रांस में ऐसा करते पकड़े जाने पर सीधे 750 यूरो यानी 60 हजार रूपए का जुर्माना लगेगा. इस तरह के सख्त कानून की आज के समय में सबसे ज्यादा जरूरत है.

ऐसे कानून की ज़रुरत तो हमारे देश में भी है, लेकिन यहाँ कभी आएगा ही नहीं.

इतना तो तय है कि इस तरह के नए कानून से लड़कियों से साथ बढ़ रही छेड़छाड़ की घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी.  इसके जरिए राष्ट्रपति मैक्रों घर से बाहर महिलाओं को सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराना चाहते हैं. फ़्रांस में लगातार महिलाओं की सुरक्षा की बात हो रही है.

भारत में ऐसी ऐसी वारदातें हो जाती हैं कि उनका पता लगात एही पुलिस को महीने और साल लग जाते हैं. यहाँ पर दोषी को सजा मिलते मिलते पीड़ित ही आत्महत्या कर लेता है. फ़्रांस में एक सर्वे किया गया था. इस सर्वे के मुताबिक देश की सभी महिलाओं को सार्वजनिक जगहों पर बदसलूकी का सामना करना पड़ा। इसमें से 50% से ज्यादा लोगों ने कहा था कि उनके साथ पहली बार छेड़खानी तब हुईए जब वो 18 साल से कम उम्र की थी.

इसका मतलब ये हुआ कि वहां भी ऐसे बेकार लोग हैं जो मासूमों को अपनी हवस का शिकार बनाते हैं. लेकिन फ़्रांस ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाए हैं.

एक बात तो तय है कि इस तरह के कानून जब बन जाएंगे तो ऐसी वारदातों पर रोक लगेगी. तब लोगों को डर लगेगा. हमारे यहाँ भी कुछ इस तरह के और भी कड़े कानून बनाने की ज़रुरत है.  आप ऐसा बिलकुल न करें.

Shweta Singh

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Shweta Singh

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