भारत धर्मनिरपेक्ष देश है.
जहाँ हर धर्म के लोग रहते हैं और हर धर्म की अलग अलग मान्यताएं और आस्था से जुड़े अंध विश्वास है.
अंधविश्वास एक ऐसी बिमारी है जिसका इलाज़ संभव नहीं.
मंदिर में पैसे और सोना चढ़ाना एक आस्था और अंधविश्वास का रूप है. पुन्य कमाने और सुखी रहने के लिए लोग मंदिर, पूजापाठ और अन्य तांत्रिक ज्योतिष को लाखो करोड़ रुपये दान में दे देते है.
गरीबों को अनदेखा करके मंदिर में करोड़ रूपये दान देना सही है?
लोगो के इस आस्था और अंधविश्वास में चढ़ावा देने से ये व्यापारी जरुर फल फुल रहे हैं.
तो आइये जानते हैं आस्था और अंधविश्वास की वजह से कौन कौन से व्यापारी फल फुल रहे है.
मंदिर ट्रस्टी
भारत में सबसे ज्यादा पैसा मंदिर में आता है. जिस पर ना कोई टेक्स है और ना ही धन अर्जन पर कोई पाबंदी है. इसी बात का फायदा इस्कॉन मंदिर, बालाजी, वैष्णव देवी, सिरडी साईं मंदिर में उठाया जा रहा है. यहाँ हर दिन करोड़ो रुपये का दान मिलता है, जिसका फायदा सिर्फ मंदिर ट्रस्टी को या उससे जुड़े ठेकेदारों को होता है. मंदिर से जुड़े इन लोगो का व्यापार हिन्दुओं के आस्था और अंधविश्वास से इतना फल फुल रहा है कि इससे जुड़े लोग कई किलो सोना लादे बेफिक्र घूम रहे है.
धर्म गुरु
दुसरे नम्बर पर व्यापारी है धर्म गुरु… हर धर्म के धर्म गुरु आज सत्संग को व्यवसाय बना चुके है. दान, चंदा, समाज सेवा के नाम पर लोगो से मोटी रकम लेते हैं. उस पैसे का उनको हिसाब किताब रखने की भी जरुरत नहीं पड़ती क्योकि सब पैसा आयकर मुक्त होता है. इन धर्म गुरु पर आस्था और अंधविश्वास करने वाले लोग कोई गरीब या आम लोग नहीं होते. ये लोग बड़ी बड़ी कंपनी के मालिक, व्यापारी, राजनेता और प्रसिद्ध लोग होते हैं, जिनको देखकर बाकी लोग भी उस अंध विश्वास में गिरने लगते है.
ज्योतिष
तीसरा नंबर ज्योतिषों का आता है. आज के समय में ज्योतिष शास्त्र को लोगो ने व्यवसाय बना लिया है. दुनिया के हर इंसान को पता है कि वो सिर्फ 5 कारणों से दुखी है. पहला शरीर, दूसरा व्यवसाय, तीसरा परिवारीक चिंता, चौथा भविष्य और पांचवा अपने आसपास के लोगो से. यह तकलीफ हर किसी की ज़िन्दगी में होती है और इस पाँचों में से कोई न कोई एक वजह हमेशा रहेगी. फिर भी ज्योतिष से इन समस्या का हल पूछने पहुँच जाते है. अपना भविष्य जानने की इच्छा में न जाने कितने पैसे दे देते है. जबकि सत्य सिर्फ एक है – ब्रम्हा के अलावा किसी को किसी के भविष्य का पता नहीं है.
इस अंध विश्वास के कारण आज कई हजार ज्योतिष अपना व्यवसाय चला रहे है.
तांत्रिक
तांत्रिक भी एक ऐसा व्यापारी है, जो लोगो की आस्था और अंधविश्वास पर अपना व्यापार चला रहा है. तांत्रिक पर लोगों की अंधी आस्था और उन पर विश्वास कर उनके साधना और काला जादू के लिए जाने कितने पैसे खर्च कर देते हैं
ये ऐसे व्यापारी हैं, जिनका धंधा लोगों के आस्था और अंधविश्वास पर चल रहा है और पीढ़ी दर पीढ़ी आगे चलता रहेगा.
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