प्रकृति के नियम हैं, लड़कियों को हर महीने 3-4 दिन ऐसे मिलते हैं जो उनके लिए सच में बहुत ही मुश्किल होते हैं!
फिर भी वो उन दिनों की तकलीफ़ें जग-जाहिर नहीं करतीं, सिर्फ़ अपनों के साथ ही बाँटती हैं!
लेकिन अगर वही अपने जवाब में बक़वास करें तो दिल करता है घुमा के उल्टा दें या कुछ करें जिस से इन हितैषियों को अक्ल आये!
ये हैं वो बकवास बातें जो लड़कियों को पीरियड्स के दिनों में सुननी पड़ती हैं जो ज़ेहर जैसी लगती हैं
1) इन दिनों में तुम्हें इतना ग़ुस्सा क्यों आता है?
कोई ये बताएगा कि आप कभी भी अक्कलमंदों वाले सवाल क्यों नहीं करते हैं? बेवकूफ़!